- 4 जुलाई को मनाया जाएगा विद्यालय सुरक्षा जागरूकता दिवस

- राजधानी में भवन निर्माण में सुरक्षा मानकों की उपेक्षा

PATNA: भूकंप का केंद्र यदि पटना हुआ तो यहां एक झटके में कम से कम पांच लाख लोग जान गंवा देंगे। इसकी वजह है राजधानी में सुरक्षा मानकों की उपेक्षा करना है। सीएम नीतीश कुमार गांधी मैदान में आयोजित विद्यालय सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के मौके पर बोल रहे थे। उन्होने कहा कि संकरी गलियों में भी जिस तरह के ऊंचे-ऊंचे मकान बना दिए गए हैं, उसमें बचने की उम्मीद की जाए तो कैसे? सीएम ने ब् जुलाई को विद्यालय सुरक्षा जागरूकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।

सेफ रहना सबसे जरूरी

सीएम ने कहा कि भूकंप ने चेतावनी दे दी है। सबलोग सचेत हो जाइए। अगर भवन बना रहे हैं या फ्लैट खरीद रहे हैं तो उसे भूकंपरोधी ही बनवाएं। बिहार में किसी भी भवन को भूकंपरोधी बनना जरूरी है। निर्माण ऐसा हो कि चाहे भूकंप आए या चक्रवाती तूफान या टॉरनेडो, आधारभूत संरचना सुरक्षित रहे। सीएम ने कहा कि बिहार के सभी स्कूल भवन, हॉस्पीटल, ऑफिस और सरकारी ऑफिस भूकंपरोधी बनेंगे। भूकंप आने से किसी को नुकसान नहीं होता असल क्षति तो भगदड़ या मकानों के ढहने से होती है। मलबे में दब कर मौतें होती है। आयोजन में एजुकेशन मिनिस्टर पीके शाही, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के उपाध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के डीजी ओमप्रकाश सिंह, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सदस्य उदयकांत मिश्र, डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रटरी व्यासजी आदि मौजूद रहे।