क्कन्ञ्जहृन् :राजधानी स्थित अधिवेशन भवन में सोमवार को आयोजित नशा मुक्ति दिवस कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के साथ पहुंचे थे। अपने संबोधन के दौरान रिपोर्ट की प्रति लोगों को दिखाते हुए कहा कि मैं नहीं बल्कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट यह कह रही कि 2016 में विश्व भर में तीस लाख लोगों की मौत शराब पीने से हुई। यह उक्त वर्ष में हुई कुल मौत का 5.3 प्रतिशत है। मैं शराबबंदी का विरोध करने वाले उन लोगों से विनम्र आग्रह करूंगा कि ड?ल्यूएचओ की रिपोर्ट को पढ़ लें। बिहार में शराबबंदी का असर यह हुआ है कि देश के कोने-कोने से शराबबंदी की आवाज आ रही है। शराब के धंधे वाले परेशान हैं। हम सब समझते हैं।

भयावह हैं आंकड़े, जान लीजिए

सीएम ने कहा कि शराब की वजह से हुई मौत के आंकड़े भयावह हैं। 13.5 प्रतिशत मौत वैसे लोगों की हुई है जो मात्र 20 से 39 वर्ष की उम्र के हैं। विश्लेषण यह कहता है कि एचआइवी, मधुमेह और टीबी आदि से होने वाली मौत से भी अधिक संख्या में लोग शराब पीने से मर रहे हैं। शराब के कारण 18 प्रतिशत लोगों ने आत्महत्या की, 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं की यह वजह बनी। सीएम ने कहा कि यह कहकर भ्रमित किया जा रहा कि शराबबंदी फेल हो गई। दारू तो मिल ही रही। ऐसा कहने वाले दारू के धंधेबाजों के एजेंट हैं।

तो अफसर निकल नहीं पाएगा

सीएम ने कहा कि अगर शराब के धंधे में लिप्त सरकारी अफसर पकड़े गए तो उनपर सख्त कार्रवाई होगी। वह न केवल बर्खास्त होगा बल्कि इतनी धाराएं लगेंगी कि निकलेगा नहीं। उन्होंने कहा कि हमें यह बताएं कि केवल गाड़ी के ड्राइवर और खलासी को पकड़ रहे या फिर असली आदमी भी पकड़ा जा रहा।