- रिवर्स पलायन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है योजना

- वि-निर्माण में 25 लाख व सेवा क्षेत्र में 10 लाख रुपए तक की परियोजनाओं पर मिलेगा लोन

DEHRADUN: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम ने अफसरों को निर्देश दिए कि इस योजना की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जाए, ताकि युवाओं को योजना का लाभ मिल सके। योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। योजना के लिए लोन लेने में कोई समस्या न हो इसके लिए डीएम बैंकर्स से समन्वय करें।

युवाओं को मिलेगा रोजगार

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना राज्य के उद्यमशील युवाओं और कोविड-19 के कारण उत्तराखंड वापस लौटे लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इससे बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे। बैंकों के माध्यम से लोन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में योजना मील का पत्थर साबित होगी।

बैंकों से मिलेगा लोन

एमएसएमई विभाग द्वारा योजना के अन्तर्गत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। वि-निर्माण क्षेत्र में परियोजना की अधिकतम लागत 25 लाख रुपए और सेवा व व्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम लागत 10 लाख रुपए होगी। योजना के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का 10 प्रतिशत, जबकि विशेष श्रेणी के लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का 05 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा कराना होगा।

18 वर्ष आयु होना जरूरी

इस योजना के लिए आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है। योजना के अन्तर्गत उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण सुविधा उपलब्ध होगी। आवेदक अथवा उसके परिवार के सदस्य को योजना के तहत केवल एक बार लाभान्वित किया जाएगा। लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। आवेदक महाप्रबंधक एवं जिला उद्योग केन्द्रों में ऑनलाइन और मैनुअल आवेदन कर सकते हैं। योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर जिला उद्योग केन्द्र द्वारा किया जाएगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सीएम के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट, आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल आदि मौजद रहे।