LUCKNOW (ब्‍यूरो) एक तरफ पिता के देहांत का अपार दुख और दूसरी तरफ फर्ज.।.सोमवार को जब इनमें से किसी एक को चुनने का मौका आया तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने फर्ज को तरजीह दी। इस अपार दुख की घड़ी में भी योगी राजधर्म का पालन करते हुए कोरोना संक्रमण को लेकर टीम 11 की मीटिंग करते रहे। इतना ही नहीं, उन्होंने लॉक डाउन को ध्यान में रखते हुए पिता के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं होने का फैसला किया। उल्लेखनीय है कि योगी के पिता की हालत बीती रात से ही नाजुक थी, सोमवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।

रात से ही पिता की हालत थी नाजुक

सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें किडनी व लीवर की बीमारी थी। उनका इलाज दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में चल रहा था। बीती रात उनकी हालत बेहद नाजुक हो गई. जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनके स्वास्थ्य को लेकर तमाम तरह की अफवाहें फैलने लगी। कोरोना संक्रमण को लेकर सीएम योगी हर रोज सुबह 10.30 बजे टीम 11 की मीटिंग लेते हैं। पर, उनके पिता के स्वास्थ्य को देखते हुए कयास लगाए जा रहे थे कि शायद आज मीटिंग न हो।

समय पर मीटिंग में पहुंचे सीएम

सभी अधिकारी समय से पहले सीएम आवास पहुंच गए. इसी बीच घड़ी में 10.30 बजते ही सीएम योगी हॉल में आ पहुंचे। उनके चेहरे पर पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती थीं। अमूमन सीएम योगी मीटिंग के दौरान चेहरे पर लगे मास्क को नीचे रखते हैं लेकिन, सोमवार को ऐसा नहीं था। वे मास्क लगाए हुए थे। इससे चेहरे के भाव भले कुछ हद तक छिप रहे थे लेकिन, आंखों की उदासी और नमी बता रही थी कि सबकुछ ठीक नहीं है। बावजूद इसके राजधर्म का पालन करते हुए सीएम योगी ने मीटिंग में विचार-विमर्श शुरू किया।

देहांत की खबर से नहीं हुए विचलित

मीटिंग शुरू होने के महज 14 मिनट बाद सीएम करीबी बल्लू राय हॉल में दाखिल हुए. उनके चेहरे पर दुख का भाव झलक रहा था। बल्लू ने एक पर्ची सीएम योगी को सौंपी। पर्ची पढऩे के बाद सीएम ने किसी से बात कराने को कहा। बल्लू ने फोन लगाया तो सीएम ने महज एक मिनट बात की और अंत में कहा कि मीटिंग के बाद वे फिर से बात करेंगे। इसके बाद बल्लू हॉल से चले गए और सीएम कुछ देर के लिये शांत हो गए. उनकी अंखें नम हो चुकी थीं। सभी अधिकारियों को अनहोनी का अंदाजा लग चुका था। पर, सीएम ने इसके बाद भी मीटिंग जारी रखी और अधिकारियों से सवाल-जवाब करने लगे।

अंतिम संस्कार में न शामिल होकर दिया बड़ा संदेश

मीटिंग खत्म होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने शोक संतप्त परिजनों को जो संदेश दिया, उसने उनका कद अचानक कई गुना ऊंचा कर दिया। अपने पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि 'अपने पूज्य पिता के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी दुख है। वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता हैं। जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम व नि:स्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिये समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में ही उन्होंने मुझे दिया। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को यूपी की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने के कर्तव्यबोध की वजह से अंतिम दर्शन नहीं कर सका. परिजनों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पूजनीया मां, पूर्वाश्रम से जुडे सभी सदस्यों से अपील है कि वे लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अंतिम संस्कार में शामिल हों। लॉकडाउन के बाद अंतिम दर्शन के लिये आउंगा।

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