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LUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग में पैरामेडिकल स्टाफ के तबादलों में करप्शन के आरोप की जांच को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति में विशेष सचिव रमेश कुमार त्रिपाठी को अध्यक्ष और उप सचिव प्राणेश चंद्र शुक्ल और अनु सचिव जेएल यादव को सदस्य बनाया गया है। समिति को आठ बिंदुओं पर जांच करके चार दिन में प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को को अपनी रिपोर्ट देनी है। स्वास्थ्य विभाग की सचिव वी। हेकाली झिमोमी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

इन बिंदुओं पर होगी जांच

शासन द्वारा गठित समिति को आठ बिंदुओं पर अपनी जांच करके रिपोर्ट देनी है। इसमें पैरामेडिकल कैडर के ट्रांसफर पालिसी के बाबत पूर्व में जारी शासनादेशों का अनुपालन और उसकी अवलेहना की स्थिति, किसी जनपद में सबसे अधिक अवधि से तैनात कार्मिकों को नीति के तहत ट्रांसफर किए गये पैरामेडिकल कर्मियों के प्रतिशत के सापेक्ष तैनाती की समयावधि को घटाते हुए क्रम में हटाया गया है कि नहीं, क्या पालिसी के तहत किए गये ट्रांसफर पिक एंड चूज के आधार पर किए गये हैं कि नहीं, किसी नपद में सबसे अधिक अवधि से तैनात कार्मिकों को न हटाए जाने का कारण, अनुरोध पर किए गये ट्रांसफर में वरीयता प्रदान करने के लिए क्या मानक अपनाए गये, डीजी के कार्यालय के ट्रांसफर संबंधी अभिलेखों एवं पत्रावलियों की जांच, जनपद और मंडल में सात वर्ष एवं दस वर्ष तक तैनात रह चुके कार्मिक को क्या दोबारा वहीं तैनाती दी गयी है। इसके अलावा गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती और सिद्धार्थनगर में किए गये ट्रांसफर की ट्रांसफर पॉलिसी के शासनादेशों के आलोक में गहन जांच करने को कहा गया है।

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