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LUCKNOW : यूपी एमबीबीएस की सीटों के मामले में देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है। दूसरे नंबर पर गुजरात है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने गुरुवार को लोकभवन में पत्रकारों को बताया कि विशेषज्ञ उपचार उपलब्ध कराने के लिए मेडिकल कॉलेजों में बनाए जा रहे सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक का काम तेजी से चल रहा है। गोरखपुर में यह ब्लॉक शुरू हो चुका है, प्रयागराज, मेरठ व झांसी में अगस्त में शुरू होगा, जबकि कानपुर व आगरा में भी तेजी से निर्माण किया जा रहा है। नौ नये मेडिकल कॉलेजों को भी शैक्षणिक सत्र 2020-21 में शुरू करने का लक्ष्य है। छह पुराने मेडिकल कॉलेजों में से आगरा, झांसी, प्रयागराज व गोरखपुर में सभी सुविधायुक्त रिसेप्शन कॉम्प्लेक्स शुरू हो गया है। मेरठ व कानपुर में यह निर्माण अंतिम चरण में है। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डा। केके गुप्ता सहित अन्य मौजूद थे।

सीएमओ रोज करें निरीक्षण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि किसी मरीज के जीवन के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। सीएमओ और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से फील्ड में जाने की आदत डालें। ये सुनिश्चित होना चाहिए कि पूरा स्टाफ समय से अपनी सेवाएं दे रहा है। विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर अलग-अलग दिनों में जनपदों का दौरा करें जबकि सीएमओ व स्वास्थ्य विभाग के अन्य अफसर भी रोज फील्ड में जाएं। ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि सीएचसी पर तैनात डॉक्टर अस्पताल में न जाकर निजी प्रैक्टिस करते हैं, आप इस पर नजर रखें। जिस डॉक्टर को सरकार समय से वेतन दे रही है, तो वह सीएचसी में समय से क्यों नहीं बैठ रहा है। अस्पतालों में दवा मिल रही है या नहीं, इसकी जांच भी समय-समय पर होनी चाहिए।

25 वर्ष पहले अच्छी थी व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 25 साल पहले तक जिला अस्पताल बहुत ही अच्छे ढंग से संचालित होते थे लेकिन इसके बाद निरंतर गिरावट आती गई। पहले हम देखते थे कि अस्पतालों में दवाइयां नहीं मिल रही हैं, लेकिन विगत दो वर्षों से इसमें बड़ा परिवर्तन आया है। इस दौरान दवाइयों की संख्या दोगुनी हुई है। आने वाले समय में सरकार पूरी ताकत से काम करेगी, जिससे शत प्रतिशत दवाई हर तबके को मिल सकेगी। सीएमओ से बोले कि वे अपने अस्पताल के प्रत्येक बेड पर इलाज करवा रहे मरीज से बातचीत करें और नियमित रूप से अस्पताल का राउंड लें। जिन चिकित्सालयों में टेलीमेडिसन की जरूरत है, वहां इसकी सुविधा होनी होनी चाहिए। मरीजों के प्रति चिकित्सक व अन्य स्टाफ  का व्यवहार बेहतर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 108 के रिस्पांस टाइम को और कम करना होगा, इसकी जवाबदेही तय करना चाहिए। समीक्षा बैठक में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, डॉ महेंद्र सिंह, स्वाति सिंह, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय व प्रमुख सचिव प्रशांत त्रिवेदी भी मौजूद थे।

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