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LUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक के स्टूडेंट्स को मुफ्त पाठ्य पुस्तकें, स्कूल बैग, यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, स्वेटर आदि मुहैया कराने में देरी पर अफसरों को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि अफसर मुख्यालय में बैठने के बजाय फील्ड में जाकर सरप्राइज विजिट करें। खासकर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों का निरीक्षण और इनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। कम स्टूडेंट्स की संख्या वाले स्कूलों में अधिक संख्या में टीचर्स की तैनाती न हो। इन टीचर्स को अन्य स्कूलों में ट्रांसफर किया जाए। यह कार्य जून माह में ही पूरा कर लिया जाए। कहा कि अगर कोई भी फाइल तीन दिन से ज्यादा रोकी गयी तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री सोमवार को लोक भवन में बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान बोल रहे थे।

शिक्षा सेवा चयन आयोग गठित हो

मुख्यमंत्री ने हर महीने के पहले हफ्ते में टीचर्स को सैलरी देने के दिए निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प के तहत बेसिक शिक्षा के स्कूलों में आधारभूत संरचना विकास के लिए सीएसआर फंड, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों तथा अन्य सक्षम लोगों से सहयोग प्राप्त किया जाए। वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने कहा कि टीचर्स की चयन प्रक्रिया शीघ्रता और पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न की जानी चाहिए। लोक सेवा चयन आयोग द्वारा प्रधानाचार्य एवं प्रधानाध्यापक जैसे पदों के लिए चयन किया जाना चाहिए। राजकीय विद्यालयों अथवा अशासकीय मान्यता प्राप्त विद्यालयों के सभी शिक्षकों का चयन एक शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा किया जाना चाहिए। इसके लिए एक शिक्षा सेवा चयन आयोग गठित किया जाए। टीचर्स की समस्याओं का समयबद्ध निवारण होना चाहिए। साथ ही माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के अध्यापकों की समस्याओं का समाधान भी हो। राज्य पुरस्कार के लिए शिक्षकों के चयन की नियत प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी होनी चाहिए। बैठक में डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल, मुख्य सचिव डॉ। अनूप चंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे

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