लखनऊ (ब्यूरो)। बीते दिनों सोशल मीडिया पर एसएसपी वैभव कृष्ण की तीन वीडियो क्लिप वायरल हुई थीं। जिसके बाद वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर मीडियाकर्मियों को बताया कि कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर मॉ‌र्फ्ड वीडियो जारी किया है। जिसमें उनकी तस्वीर के साथ एक महिला की आपत्तिजनक आवाज आ रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने नोएडा के ही थाना सेक्टर-20 में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट व विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है। वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि महीने भर पहले ही उन्होंने उत्तर प्रदेश शासन को अति संवेदनशील रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें एक संगठित गैंग के बारे में अवगत कराया गया था। यह गैंग ठेके दिलवाने, ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने और आपराधिक कृत्य करवा रहा है। एसएसपी ने कहा कि उन्हें आशंका है कि इसी गैंग से संबंधित लोगों ने उनकी छवि खराब करने के लिये इस तरह का मॉ‌र्फ्ड वीडियो बनाया है।

रिपोर्ट लीक करने का आरोप

प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सोशल मीडिया में एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट सिलसिलेवार ढंग से लीक हो गई। लीक हुई रिपोर्ट में पांच आईपीएस अफसरों सुधीर कुमार सिंह, डॉ। अजय पाल शर्मा, हिमांशु कुमार, गणेश प्रसाद साहा और राजीव नारायण मिश्र पर करप्शन के गंभीर आरोप लगाए थे। इसके अलावा आरएसएस के एक वरिष्ठ अधिकारी पर भी ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। रिपोर्ट लीक होने के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एसएसपी वैभव कृष्ण ने यह रिपोर्ट लीक कर सर्विस रूल्स का उल्लंघन किया है। उन्होंने वैभव कृष्ण से इस पर स्पष्टीकरण तलब किया और साथ ही पूरे मामले की जांच एडीजी जोन मेरठ को सौंपी। उधर, पूरे मामले पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त नाराजगी जताते हुए इस पर आईजी रेंज मेरठ से रिपोर्ट तलब की थी।

रिपोर्ट मिलते ही गिरी गाज

- सीएम के रिपोर्ट तलब करने के बाद आईजी मेरठ रेंज आलोक सिंह ने महिला से बातचीत वाले आपत्तिजनक वीडियो क्लिप को जांच के लिये गुजरात फॉरेंसिक लैब भेजा था।

- जांच में पता चला कि वैभव कृष्ण के दावे के उलट वह वीडियो क्लिप मॉ‌र्फ्ड नहीं है। उन वीडियो क्लिप में न तो कोई कांट-छांट की गई और न ही एडिटिंग।

- गुजरात फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट मिलने पर आईजी रेंज ने अपनी जांच रिपोर्ट सीएम योगी को भेज दी थी। जिसके बाद सीएम योगी ने सर्विस रूल्स का उल्लंघन करने पर कड़ा एक्शन लेते हुए वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया।

- एडीजी लखनऊ जोन एसएन साबत को विभागीय जांच का भी आदेश दिया है। इसके अलावा वैभव कृष्ण द्वारा भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट जो बाद में उन्होंने खुद ही लीक कर दी, में आरोपी बनाए गए पांचों आईपीएस अफसरों को साइड पोस्टिंग दी गई है।

आरोपी आईपीएस अफसरों की यहां तैनाती

वैभव कृष्ण के शासन को भेजे पत्र में आरोपों के घेरे में आए एसएसपी गाजियाबाद सुधीर कुमार सिंह को सेनानायक 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा, एसपी रामपुर डॉ। अजय पाल शर्मा को एसपी पीटीएस उन्नाव, एसपी सुलतानपुर हिमांशु कुमार को सेनानायक 28वीं वाहिनी पीएसी इटावा, एसपी बांदा गणेश प्रसाद साहा को एसपी मानवाधिकार, लखनऊ और एसएसपी एसटीएफ राजीव नारायण मिश्र को सेनानायक 24वीं वाहिनी पीएसी, मुरादाबाद के पद पर भेजा गया है।

एसआईटी करेगी जांच

करप्शन के आरोपों के घेरे में आई पांचों आईपीएस अफसरों के खिलाफ जांच के लिये सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर एसआईटी का गठन किया गया है। इस एसआईटी का नेतृत्व डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी करेंगे जबकि, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश व एमडी जल निगम विकास गोठवाल को सदस्य बनाया गया है। एसआईटी को 15 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।

डायरेक्टर मीडिया भी नपे

सोशल मीडिया पर लीक हुई एसएसपी वैभव कृष्ण की रिपोर्ट में करप्शन के आरोपी बनाए गए डायरेक्टर मीडिया, चीफ सेक्रेटरी दिवाकर खरे को उनके पद से हटाते हुए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग/कमिश्नर लखनऊ कार्यालय से संबद्ध किया गया है। लीक रिपोर्ट में दिवाकर खरे पर आरोप था कि उन्होंने पीसीएस गुलशन कुमार को ईओ बड़ौत का चार्ज दिलवाने के नाम पर अपने अकाउंट में 10 लाख रुपये रिश्वत ली और उन्हें चार्ज दिलवाया। गौरतलब है कि जब चीफ सेक्रेटरी के आलोक रंजन थे तब इनको डायरेक्टर मीडिया, चीफ सेक्रेटरी बनाया गया था।

रिपोर्ट में इन अफसरों पर लगाए थे आरोप

सुधीर कुमार सिंह, डॉक्टर अजय पाल शर्मा, हिमांशु कुमार, गणेश प्रसाद साहा और राजीव नारायण मिश्र

एसआईटी करेगी जांच

डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश व एमडी जल निगम विकास गोठवाल, 15 दिन में में देने होगी रिपोर्ट

वायरल वीडियो में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। फॉरेंसिक साक्ष्यों व जांच रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी गौतमबुद्धनगर वैभव कृष्ण को निलंबित करने का निर्णय लिया गया है। गोपनीय पत्र में जिन पांच आईपीएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, उन्हें भी हटाया गया है ताकि जांच प्रभावित न हो। उच्चस्तरीय एसआईटी की जांच रिपोर्ट मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

-ओपी सिंह, डीजीपी

लखनऊ के एसएसपी बदले

अफसर कहां से कहां को

कलानिधि नैथानी एसएसपी लखनऊ एसएसपी गाजियाबाद

शिवहरि मीणा एसपी पीटीएस उन्नाव एसपी सुल्तानपुर

संतोष कुमार मिश्र एसएसपी इटावा एसपी रामपुर

आकाश तोमर एसपी बाराबंकी एसएसपी इटावा

अरविंद चतुर्वेदी एसपी गाजीपुर एसपी बाराबंकी

डॉक्टर ओमप्रकाश सिंह एसएसपी झांसी एसपी गाजीपुर

मुनिराज सेनानायक 24वीं वाहिनी पीएसी मुरादाबाद एसएसपी झांसी

गौरव भंसवाल एएसपी कुशीनगर एसपी हाथरस

सिद्धार्थ शंकर मीणा एसपी हाथरस एसपी बांदा

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