कर चलाना हो जाएगा महंगा

इससे दिल्ली, मुंबई सहित अन्य बड़े शहरों जहां सीएनजी का इस्तेमाल हो रहा है वहां न सिर्फ कार चलाना महंगा हो जाएगा बल्कि ऑटो, टैक्सी और बस के किराये में भारी इजाफा होगा. कई शहरों में इसकी कीमत लगभग डीजल के बराबर हो सकती है. पानाबाका लक्ष्मी ने बताया कि प्राकृतिक गैस के दाम में एक डॉलर प्रति एमएमबीटीयू का इजाफा होने से सीएनजी की कीमत में 2.93 रुपये प्रति किलो की वृद्धि होगी. सरकार ने अगले साल अप्रैल से घरेलू प्राकृतिक गैस के औसत कीमत को आयातित एलएनजी और ग्लोबल हब कीमत के आधार पर तय करने का फैसला किया है. इससे गैस की कीमत मौजूदा  4.2 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से बढक़र 8.2-8.4 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू तक हो जाएगी.   

12 रुपये तक बढ़ेंगे रेट

इससे दिल्ली में सीएनजी जहां 8.20 रुपये महंगी होगी, वहीं मुंबई में इसके दाम 11.72 रुपये किलो तक बढ़ेंगे. दिल्ली में अभी सीएनजी की कीमत 41.90 रुपये प्रति किलो है. वहीं, डीजल 51.40 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है. इस लिहाज से यहां अगले साल अप्रैल से सीएनजी 50.10 रुपये प्रति किलो हो सकती है. जबकि डीजल करीब 55 रुपये प्रति लीटर का मिल सकता है. सरकार ने तेल कंपनियों को हर महीने डीजल के दाम में 50 पैस प्रति लीटर तक बढ़ोतरी की इजाजत दी है. यह बढ़ोतरी तब तक होती रहेगी जब तक की कंपनियों की अंडर रिकवरी खत्म न हो जाए. यानी अप्रैल तक डीजल के दाम में चार रुपये प्रति लीटर की वृद्धि संभावित है.

सीएनजी और डीजल के रेट होंगे बराबर

अगर इस दौरान कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी आती है और सरकार चुनाव को देखते हुए तेल कंपनियों को डीजल के दाम बढ़ाने की मंजूरी नहीं देती है तो दिल्ली में सीएनजी डीजल के लगभग बराबर होगी. मुंबई में अभी सीएनजी 35.95 रुपये प्रति किलो बिक रही है. लक्ष्मी के मुताबिक गैस के दाम में एक डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की बढ़ोतरी से बिजली उत्पादन की लागत में 45 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि होगी. वहीं, यूरिया उत्पादन की लागत 24.893 डॉलर प्रति टन बढ़ेगी.

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