यह पहला मामला है
बता दें कि यह पहला मामला है जब कोई एक बड़ी कंपनी ने प्रस्तावित जीएसटी के किसी प्रावधान के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया है। कोका कोला इंडिया व साउथ वेस्ट एशिया के वाइस प्रेसीडेंट (पब्लिक अफेयर्स एंड कम्यूनिकेशंस) इश्तियाक अमजद ने इस बारे में कहा है कि इस दिशा में उठाया गया कदम भारत में उनके कारोबार के लिए विभिन्न प्रकार की समस्याएं खड़ी कर देगा।

नुकसान होने की संभावना
इस बात से साफ है कि इससे उनका काफी नुकसान होने की संभावना है। सॉफ्ट ड्रिंक्स को जीएसटी की 40 फीसद वाली श्रेणी में शामिल करने की सिफारिश से कंपनी का भारत में कारोबार करना काफी मुश्किल हो जाएगा। इससे कंपनी के लिए मुश्किलों का बढ़ना तय है।

यह है सिन टैक्स्ा  
बीते हफ्ते मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने जीएसटी के तहत तंबाकू, सॉफ्ट ड्रिंक्स और लक्जरी कारों सरीखे उत्पादों पर सिन टैक्स लगाने का प्रस्ताव सामने रखा है। इसके तहत उनकी अगुआई वाले पैनल ने तीन तरह के रेट स्ट्रक्चर की सिफारिश की है। इनमें 12, 17, 18 और 40 फीसद का टैक्स शामिल है। इनमें सॉफ्ट ड्रिंक्स को अंतिम श्रेणी में रखा गया है।

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