रांची : कोचांग में नुक्कड़ नाटक करने आई पांच महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में षडयंत्रकारी फादर अल्फोंस आइंद समेत छह अभियुक्तों को 17 मई को सजा सुनाई जाएगी. मंगलवार को खूंटी एडीजे राजेश कुमार की अदालत में सभी अभियुक्तों की पेशी की गई. अभियुक्तों के वकील ने अपनी दलील में कोर्ट से अपील की कि अभियुक्तों को कम से कम सजा दी जाए. जिसके बाद कोर्ट ने अभियोजन व प्रतिपक्ष के वकीलों की बहस सुनने के बाद 17 मई को सजा सुनाने का डिसिजन लिया.

एक अभियुक्त अभी भी फरार

इस केस में बीते सात मई को कोर्ट ने अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया था. अदालत ने कुल आठ आरोपियों में से फादर अल्फोंस आइंद को सामूहिक दुष्कर्म की सभी धाराओं में षडयंत्र करने का दोषी पाया था. जॉन जुनास तिडू व बलराम समद जो पत्थलगड़ी समर्थक थे, उन्हें अपहरण व सामूहिक दुष्कर्म के उत्प्रेरक के रूप में दोषी पाया गया है. बाजी समद उर्फ टकला व अनूप सांडी पूर्ति को अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म का दोषी पाया गया है.

वहीं, इनमें से एक अभियुक्त नुएल सांडी पूर्ति अभी भी फरार चल रहा है. आठवें अभियुक्त को नाबालिग होने के चलते जेजे कोर्ट, खूंटी भेज दिया गया था.

यह था घटनाक्रम

19 जून 2018 को कोचांग गांव स्थित मिशनरी स्कूल में मानव तस्करी व अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ नाटक का मंचन किया जा रहा था. कलाकारों में पांच महिलाएं, तीन लड़के, एक चालक व आशा किरण संस्था की दो सिस्टर थीं. फादर अल्फोंस व जॉन जुनास तिड़ू, बलराम समद, जुनास मुंडा, अनूप सांडी पूर्ति, बाजिद समद उर्फ टकला के षडयंत्र से सभी को अगवा कर छोटाउली जंगल ले जाया गया. वहां महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. साथ ही उन्हें गंभीर रूप से शारीरिक यातनाएं दी गई.शरीर के प्राइवेट पा‌र्ट्स को सिगरेट से दागा गया. पुरुष विक्टिम्स के साथ मारपीट की गई. प्यास लगने पर उन्हें पेशाब पीने तक को विवश किया गया. उन्हें कहा गया कि बगैर ग्रामसभा व पत्थलगड़ी समर्थकों की इजाजत के कार्यक्रम करने के कारण ऐसी सजा दी गई है.