- दर्जनों मुकदमे के चलते संग्रह अमीन करीब माह भर कोर्ट की पेशी पर रहता है

- अधिकारियों ने मजबूत संपर्क होने से अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

BAREILLY:

गुंडई का पर्याय बन चुका सदर तहसील का संग्रह अमीन अपने कारनामों को बेखौफ अंजाम देता है। माह में तकरीबन 15 दिन ड्यूटी पर होने के बाद भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसी माह के शेष 15 दिनों में भी वह कई दिन पेशी पर कोर्ट में दिन गुजारेगा। लेकिन उपस्थिति रजिस्टर में प्रॉपर एंट्री दर्ज रहेगी। जो तहसील के आलाधिाकरियों की जिम्मेदारियों पर भी प्रश्न चिह्न लगा रहा है। तो दूसरी ओर, संग्रह अमीन के आतंक से खौफजदा अन्य कर्मचारी उसके खिलाफ जुबान खोलने के नाम से ही ठिठक जाते हैं। आखिर ऐसा क्यों है, आइए आपको बताते हैं

15 दिन पेशी, पर वेतन पूरा

सूत्रों के मुताबिक संग्रह अमीन पद का दुरुप्रयोग कर रहा है। गौरतलब है कि सरकारी नौकरी में सरकारी कार्यो से कोर्ट में जाने पर वेतन नहीं काटा जाता। लेकिन सरकारी कर्मचारी यदि सरकारी कार्यो से इतर खुद के मुकदमों में पेशी पर जाता है, तो वह उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं करता। क्योंकि दिन भर उसे कोर्ट में रहना होता है। यदि वह रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज कराकर पेशी पर गया है, तो उस दिन का वेतन काटने का प्रावधान है। लेकिन संग्रह अमीन का वर्षो से चल रहे कई मुकदमों की पेशी में जाने के बाद भी कोई वेतन नहीं काटा गया है। वेतन न काटे जाने की हेकड़ी दिखाकर वह अन्य कर्मचारियों पर रौब भी जमाता है।

नहीं होती कोई कार्रवाई

सरकारी सेवा में होने के कारण अमीन ने तहसील समेत अन्य विभागों के अधिकारियों से भी मजबूत संबंध बना लिए हैं। जिसका सुबूत है शिकायतों पर दबाव बनने पर मुकदमा दर्ज हो जाना लेकिन पद से हटाने अथवा निलंबन की कार्रवाई का न होना। विभागीय सूत्रों के मुताबिक अधिकारी कोर्ट के फैसले का इंतजार करते हैं। जबकि प्रशासन के उच्चाधिकारियों के पास यह शक्ति निहित होती है कि वह उससे चार्ज हटा सकते हैं। लेकिन दर्जनों मुकदमे होने के बाद अमीन पर ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बता दें कि सबसे पहले अमीन की शिकायत थानों में हुई, फिर एसएसपी से की गई। कई महीने गुजरने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर कमिश्नर को शिकायती पत्र सौंपा था। कमिश्नर ने एसएसपी को संबंधित मामले पर एक्शन लेने को कहा। लेकिन करीब माह भर हो गए कागजों को कार्रवाई का इंतजार है।