- स्टेट गवर्नमेंट द्वारा सेमेस्टर प्रणाली को खत्म करने के फैसले के बाद छात्र संगठनों में एक नई बहस शुरू

- सेंट्रल यूनिवर्सिटी से एफिलेटेड कॉलेजेज में खत्म नहीं किया सकता सेमेस्टर सिस्टम

देहरादून,

छात्र संघ चुनाव के मौसम में स्टेट गवर्नमेंट द्वारा सेमेस्टर प्रणाली को खत्म करने के फैसले के बाद छात्र संगठनों में एक नई बहस शुरू हो गई है। एक तरफ सेंट्रल यूनिवर्सिटी से एफिलेटेड कॉलजेज में सेमेस्टर सिस्टम खत्म नहीं हो सकता है। दूसरी तरफ सरकारी कॉलजेज में सेमेस्टर सिस्टम खत्म करने के लिए यूनिवर्सिटी के काउंसिल परिषद में प्रस्ताव लाना होगा। इस पूरी प्रक्रिया में लम्बा समय लग सकता है। जबकि प्रदेश में 10 सितंबर से पहले छात्र संघ चुनाव भी होने हैं।

पशोपेश में स्टूडेंट्स

स्टेट गवर्नमेंट के यूजी स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली को खत्म करने के फैसले के बाद स्टूडेंट्स कंफ्यूज्ड हैं। एबीवीपी के भारी विरोध के बाद यूजी क्लासेज में सेमेस्टर प्रणाली खत्म करने की मांग स्टेट गवर्नमेंट ने मान तो ली है। लेकिन इसे लागू करने में सरकार के सामने कई प्रकार की मुश्किलें भी खड़ी हो सकती है। पहले तो यूजी में सेमेस्टर लागू करने को लेकर यूजीसी की अपनी गाइडलाइन भी है। ऐसे में यूजीसी के निर्देश के विपरीत जाना स्टेट गवर्नमेंट के लिए आसान नहीं होगा। इसके अलावा सेमेस्टर सिस्टम को खत्म करने के लिए यूनिवर्सिटी को अपनी काउंसिल में प्रस्ताव लाना होगा। सेमेस्टर सिस्टम को खत्म करने का निर्णय स्टेट गवर्नमेंट अपने स्तर से नहीं ले सकती है। राज्य में 2 यूनिवर्सिटी से डिग्री कॉलजेज एफिलेटेड हैं। सरकारी कॉलेज श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी से एफिलेटेड हैं, जबकि 17 अशासकीय कॉलेज एचएनबी गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी से एफिलेटेड हैं। ऐसे में इन कॉलजेज में सेमेस्टर सिस्टम खत्म नहीं हो सकता है। सेमेस्टर सिस्टम को खत्म करने की सबसे ज्यादा लड़ाई डीएवी पीजी कॉलेज में लड़ी गई है। लेकिन डीएवी में सेमेस्टर सिस्टम खत्म नहीं किया जा सकेगा।

मनीषा एमकेपी में अध्यक्ष प्रत्याशी

एबीवीपी ने वेडनसडे को एमकेपी कॉलेज के लिए प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। अध्यक्ष पद पर मनीषा राणा, उपाध्यक्ष पद पर शाहरीन, महासचिव के लिए अंकिता जगूड़ी, यूआर के लिए अंजलि हूरिया, सहसचिव पद पर आकांक्षा, कोषाध्यक्ष के लिए अनीता के नाम की घोषणा की है।