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सिविल लाइंस में स्कूल वैन और कार के बीच टक्कर

हादसे में ब्लास्ट होने से बच गया वैन में लगा सिलेंडर

ALLAHABAD: सिविल लाइंस एरिया में गुरुवार की सुबह स्कूल वैन और कार की टक्कर में पांच बच्चे घायल हो गए। यह सभी बच्चे वाईएमसीए स्कूल के थे। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची सिविल लाइंस पुलिस ने हादसे की सूचना वाईएमसीए स्कूल को दी।

सूचना मिलते ही मौके पर स्कूल प्रबंधन के लोगों ने घायल बच्चों को इलाज के लिए पास के ही प्राइवेट हॉस्पिटल में भेज दिया। जहां उनकी ड्रेसिंग के बाद परिजनों के साथ घर भेज दिया गया। टक्कर इतनी तेज थी कि स्कूल वैन में लगा सिलेंडर डिग्गी टूटने से बाहर आ गया। अगर सिलेंडर फट जाता तो हादसे की वीभत्सता का सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है।

बढ़ गई पैरेंट्स की धड़कनें

स्कूल वैन और कार के बीच हुई टक्कर की सूचना मिलते ही पैरेंट्स के भी हाथ पांव फूल गए। सूचना मिलते ही बच्चों के पैरेंट्स आनन-फानन में हॉस्पिटल पहुंचे। अपने लाडलों को देखने के बाद उनकी जान में जान आई। घायलों में क्लास फोर्थ, सेवेंथ और 11वीं के स्टूडेंट्स शामिल रहे। इलाज के बाद पैरेंट्स बच्चों को लेकर अपने साथ घर चले गए। उधर पुलिस ने वाहन को कब्जे में ले लिया और कार्रवाई शुरू कर दी।

सिलेंडर फटता तो भयावह होता मंजर

इसे ऊपर वाले की कृपा ही कहेंगे कि हादसे के दौरान सिलेंडर वैन से बाहर आ गया, लेकिन फटा नहीं। अगर कहीं वैन में लगा सिलेंडर फट जाता तो हादसे के मंजर की कल्पना करके ही कलेजा फट जाता है।

पैरेंट्स भी समझें जिम्मेदारी

आमतौर पर पैरेंट्स बच्चों को स्कूल से लाने-ले जाने का काम किसी भी वैन को सौंपकर संतुष्ट हो जाते हैं। लेकिन उन्हें भी सावधानी बरतनी चाहिए।

-यह देख लें कि जिस वैन से बच्चा जाता है उसमें सुरक्षा के पूरे इंतजाम हों।

-वैन चलाने वाला कौन है और कहीं नशा तो नहीं करता।

-बच्चों से लगातार पूछते रहें कि रास्ते में ड्राइवर ओवरस्पीडिंग तो नहीं करता।

मानक तो हैं, लेकिन पालन कितना

स्कूली वाहनों के लिए मानक बनाए गए हैं। लेकिन इनका पालन ग्राउंड लेवल पर बहुत मुश्किल होता है

-स्कूल वाहन का रंग सुनहरा पीला हो, उसपर दोनों ओर और बीच में चार इंच मोटी नीले रंग की पट्टी हो।

-स्कूल बस में आगे-पीछे दरवाजों के अतिरिक्त दो इमरजेंसी गेट हों।

-सीटों के नीचे बैग रखने की व्यवस्था हो।

-बसों व वाहनों में स्पीड अलार्म लगा हो जिससे स्कूल संचालक को वाहन की गति का पता चल सके।

-एलपीजी वाहन में अग्निशमन संयंत्र की व्यवस्था हो।

-पांच साल के अनुभव वाले चालकों से ही स्कूल वाहन परिचालन की अनिवार्यता।

-स्कूल वाहन में फ‌र्स्ट-एड बाक्स की व्यवस्था हो।

स्कूल बसों के साथ ही अब गैस किट लगे स्कूल वाहनों के खिलाफ भी कार्रवाई कराई जाएगी। ताकि ऐसे वाहनों के खिलाफ भी कार्रवाई कराई जा सके।

-कुलदीप सिंह, एसपी ट्रैफिक