ज्योतिष को बढ़ावा देने पर किया विचार

विज्ञान और गणित का मेल है ज्योतिष

- दो दिवसीय ज्योतिष सम्मेलन का समापन

-समापन समारोह में आए कथा वाचक विजय कौशल

- कहा, आज ज्योतिष को समझने वालों की जरूरत

Meerut- भारतीय सभ्यता, सनातन है। जिससे हम झुठला नहीं सकते हैं, भारत से ज्योतिष प्रकाश पुंज की भांति सब जगह फैली है। ज्योतिष, आडंबर नहीं है, बल्कि गणित और विज्ञान है। आज जरुरत है समझने वालों की। कथावाचक विजय कौशल ने द अध्ययन स्कूल में ज्योतिष का महत्व बताया। इस दौरान उन्होंने अपने अनुभवों को भी साझा किया।

ज्योतिष को समझने की जरुरत

विजय कौशल ने कहा कि आज जरूरत है ज्योतिष को समझने वालों की। इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व में सरकार ने जो प्रयास किए वह अब खत्म हो चुके हैं। जरूरी है भारतीय संस्कृति व सभ्यता को बचाए रखने के साथ ही ज्योतिष को बढ़ावा देने की। देशभर से आए ज्योतिषियों के बीच उन्होंने कहा कि इतने विद्वानों के बीच अपनी राय रखना गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि ज्योतिष, भारतीय संस्कृति व सभ्यता से जुड़ा है। सूक्ष्म गणनाएं और वैज्ञानिक सोच के बूते की गई भविष्यवाणी सदैव सटीक बैठती हैं।

बनाया जाए पाठ्यक्रम

उन्होंने कहा कि पश्चिमी सभ्यता से भारतीय संस्कृति व सभ्यता को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने ज्योतिष के प्रसार के साथ ही कक्षाओं के पाठयक्रम बनाए जाने की हिमायत भी की। उनके सानिध्य में सम्मान समारोह के साथ दो दिवसीय ज्योतिष महासंगम का समापन हो गया।