- रंगमंच पर इस्मत आपा ने आज के समाज पर उठाए कई सवाल

- अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के निर्देशन में औरत, औरत, औरत का हुआ मंचन

LUCKNOW:

प्रसिद्ध लेखिका इस्मत चुगताई अपने लेखकीय तेवर के कारण हमेशा चर्चा रही हैं। स्त्री स्वतंत्रता को उन्होंने दशकों पहले ता अपनी रचनाओं का विषय बनाया जा इन विषयों पर लिखने वाले काफी कम थे। एक स्त्री के अपने बारे में क्या सोचती है और यह समाज की आम धारणाएं जो प्राय: पुरुषों द्वारा प्रचारित किए गए हैं, से किस प्रकार भिन्न है, इसकी खूबसूरत बानगी बना उनकी रचनाओं और आत्मकथा पर आधारित नाटक औरत, औरत, औरत जिसे रेपर्टवा महोत्सव के दूसरे दिन प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया।

आधी औरत आधा ख्वाब रखी बेबाक राय

गोमती नगर स्थित उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के कलात्मक ढंग से सजाए गए परिसर में नाटक के दोनो ही प्रदर्शनों में सभागार खचाखच भरा रहा। नाटक में इस्मत आपा के खुद बातचीत के अंदाज में तो कभी विभिन्न प्रसंगों और कथाओं के माध्यम से महिलाओं से जुड़े सवालों को उठाता है। नाटक में उनकी रचनाओं एक शौहर की खातिर, आधी औरत आधा ख्वाब और सोने का अंडा को शामिल किया गया था। नाटक में महिलाओं के सवाल पर बारबार इस्मत आपा का गुस्सा भी नजर आता था कि किस प्रकार समाज में स्त्रियों को पुरुषों ने बराबरी का दर्जा नहीं दिया और भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जाता रहा। स्त्रियों का ज्यादा पढ़ लेना, स्त्रियों का प्रेम करना, स्त्रियों का बिना विवाह के रहना जैसे तमाम मुद्दों पर नाटक इस्मत आपा के बहाने बेबाकी से राय रखता है। नाटक में इस्मत आपा के हवाले से कहा गया है कि पुरुष स्त्री की पूजा तो कर सकता है, लेकिन उसे बराबरी का दर्जा नहीं दे सकता। नाटक में कैफी आजमी सहित कई शायरों की शायरी का भी खूारसूरत इस्तेमाल था। नाटक में सीमा पाहवा जैसे फिल्म, टीवी की प्रमुख कलाकार के अतिरिक्त भावना, जया, प्रेरणा चावला, श्रुति व्यास, त्रिशला, ध्रुव कालरा, साहिल वैद्य, विजय तिलानी ने प्रभावपूर्ण भूमिकाएं की।

'ऐसी तैसी डेमोक्रेसी' ने गुदगुदाया

रेपर्टवा के दूसरे दिन हास्य उत्सव की शुरुआत हुई। ऐसी तैसी डेमोक्रेसी के दल ने अपने चुटीले हास्य.व्यंग्य से दर्शकों को खूब गुदगुदाया। हास्य कलाकार संजय राजौरा, लेखक गीतकार वरुण ग्रोवर और इंडियन ओशियन के राहुल राम की तिकड़ी ने राजनीति से लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग तक के तमाम विषयों पर हास्य व्यंग्य प्रस्तुत किए।