-भटके बच्चों को थानों में लाने के बाद उन्हें बड़े अपराधियों के साथ रखना व गलत बर्ताव करना अब होगा बंद

-बनारस पुलिस यूनीसेफ संग मिलकर बनायेगी बाल मित्र पुलिस थाना

-राह से भटके बच्चों को अच्छे रास्ते पर लाने की होगी कोशिश

VARANASI

भूले भटके बच्चों को थानों में लाने के बाद उन्हें बड़े बड़े अपराधियों के साथ रखना और उनके साथ गलत बर्ताव करना अब ये सब बंद होगा। जल्द ही ऐसे बच्चों को थानों में उनकी उम्र के हिसाब से माहौल मिलेगा। यानि पढ़ने को कॉमिक्स और खेलने को खिलौने क्योंकि पुलिस ऐसे बच्चों के लिए जल्द ही बाल मित्र थाने का निर्माण कराने जा रही है। यूनीसेफ की मदद से तैयार की गई इस योजना को बनारस के अलावा लखनऊ, इलाहाबाद, गोरखपुर, कानपुर व गाजियाबाद में भी शुरू किया जायेगा। इसके लिए सोमवार को बनारस में पुलिस संग यूनीसेफ के अधिकारियों ने मीटिंग कर प्लैन को मूर्त रूप देने पर विचार किया।

कैंट में बनेगा बाल मित्र थाना

एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि ये प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि अक्सर देखने में आता है कि अगर कोई किशोर किसी अपराध में पकड़ा जाता है तो उसे थाने लाने के बाद वहां उसके साथ कई बार अच्छा बर्ताव नहीं होता। इसलिए ऐसे थाने की जरूरत महसूस हुई जहां ऐसे बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में बताते हुए रखा जा सके। इसके लिए यूनीसेफ संग मिलकर कैंट एरिया में बाल मित्र थाना बनाने की तैयारी है। यहां अपराध में पकड़ा जाने व भूले भटके बच्चों से जुड़े रिकॉर्ड का रखरखाव, उनके लिए पीने के पानी से लेकर उन्हें खेलने को खिलौने व अन्य चीजें मौजूद रहेंगी। इसके अलावा इस थाने में बंद होने वाले बच्चों के साथ पुलिस की ओर से अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर भी अलग से ध्यान रखा जायेगा। इसके अलावा यह थाना हर पुलिस थाना क्षेत्र में ख्0 बाल मित्र बनाने का काम करेगा। इन बारे में हर साल एक सत्र आयोजित होगा जिसमें बच्चों से संबंधित समस्याओं पर बाल मित्र और अधिकारी चर्चा कर उसे सुलझाने का काम करेंगे।

एक्सपर्ट भी होंगे मौजूद

बाल मित्र थाने का काम राह से भटके बच्चों को फिर से राह पर वापस लाना भी होगा। इसके लिए एक्सपर्ट की टीम मौजूद रहेगी। तनाव से मुक्त होने के लिए स्पेशल सत्र चलेगा। बच्चों को उनके कानूनी अधिकारों की भी जानकारी दी जायेगी।