-उप्र उद्योग व्यापार मंडल की सभा में जीएसटी और बैंक्स के मर्ज करने पर चर्चा

बरेली: आने वाला समय व्यापारियों के लिए चुनौतीपूर्ण है। पहली अपै्रल से जीएसटी रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया में बदलाव किए जा रहे हैं। साथ ही बैंक्स के मर्जर से भी व्यापारी असमंजस में हैं। यह बातें व्यापार मंडल के प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र गुप्ता ने रोटरी भवन में हुई व्यापारियों की सभा के दौरान कहीं।

आसान होगा रिटर्न फाइल करना

यहां चीफ गेस्ट वाणिज्यकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड 1 मुक्तिनाथ वर्मा ने कहा कि शासन की मंशा रिटर्न भरने की प्रक्रिया को सरल करके राजस्व बढ़ाने की है। पिछले ढाई साल के जीएसटी के अनुभव से जो कर दावे में विसंगतियां रह गई हैं उन्हें दूर करके मध्यम वर्गीय अनरजिस्टर्ड व्यापारियों को प्रोत्साहित करके रजिस्टर्ड करना है। विशिष्ट अतिथि लीड बैंक मैनेजर ओपी बढ़ेरा ने कहा कि बैंकों में ग्राहकों को हित सर्वोपरि है। बैंकों के मर्जर से ग्राहकों को कोई परेशानी न आए इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। सभा में जीएसटी के ज्वाइंट कमिश्नर डीडी कटियार, डिप्टी कमिश्नर गौरी शंकर, केके राय, व्यापार मंडल के महानगर महामंत्री राजेश जसोरिया, संजीव चांदना, दुर्गेश खटवानी, राजकुमार अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

बजट में व्यापारियों के हाथ खाली

उ.प्र। संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल की बैठक एसएसडी प्लाजा स्थित कार्यालय पर हुई। बैठक में व्यापारियों ने यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा सदन में प्रस्तुत बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि इस बजट में भी व्यापारियों के हाथ खाली ही रहे, उनकी कोई भी मांग बजट में पूरी नहीं की गई। संगठन के प्रदेश प्रभारी युवा सुनील खत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट व यूपी बजट में कहीं भी व्यापारियों को राहत देने की घोषणा नहीं की गई।

पेंशन और बीमा की मांग

उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से ऊपर के हर रजिस्टर्ड व्यापारी के लिए यूपी सरकार पेंशन योजना लागू कर लागू करे। साथ ही सभी रजिस्टर्ड व्यापारियों के स्टॉक का बीमा की जिम्मेदारी किसान फसल बीमा योजना की तर्ज पर प्रदेश सरकार की हो ताकि आगजनी या किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय व्यापारी को मदद मिल जाए। इसके साथ ही उन्होंने छोटे व्यापारियों के लिए बिजली बिल की दरें घरेलू बिजली के बराबर करने की मांग की। उन्होंने कहा कि 15 मार्च के बाद व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष घनश्यामदास गर्ग के नेतृत्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इन मांगों को उनके सामने रखेगा। बैठक में सत्यम सक्सेना, सुमित कुमार, राजीव कथूरिया, राजेंद्र कुमार आदि लोग मौजूद रहे।