रेल हादसे में मारे गए लोगों को मदद न मिलने से है नाराज

लेटर में बम प्लांट कर रुपए मांगने का यही बताया गया है रीजन

ALLAHABAD: मूवी 'वेडनेसडे' आपको याद होगी। एक आम आदमी (नसीरुद्दीन शाह) मुंबई की लोकल ट्रेनों में सीरियल ब्लास्ट में लोगों के मारे जाने पर बौखला जाता है और आतंकवादियों को सबक सिखाने के लिए पुलिस हेड क्वार्टर में बम प्लांट करता है। यह बम फटता नहीं लेकिन इसकी धमक इतनी जोरदार होती है कि पुलिस को उसको चार टेरेरिस्ट सौंपने पड़ते हैं। टेरेरिस्ट को 'आम आदमी' उन्हीं के अंदाज में सबक सिखाता है। महानगरी एक्सप्रेस ट्रेन में बम प्लांट करने का मामला भी कुछ इसी तरह का नजर आ रहा है। ट्रेन में बम प्लांट करने वाला कोई 'आम आदमी' है जो सिस्टम से खिसियाया हुआ है। उसने बम के साथ रखे लेटर में 10 करोड़ रुपए मांगने की जो वजह बताई है, उससे साबित होता है कि वह सिस्टम को सिर्फ सबक सिखाना चाहता था कि आम आदमी को हल्के में न ले। उसने रुपए मांगने का रीजन बताया है कि रेल हादसों से प्रभावित व्यक्तियों को कोई मदद नहीं मिलती।

अपनों को गंवाने वाला हो सकता है

लेटर लिखने वाले ने क्लू पुलिस को दे दिए हैं। हो सकता है कि बम प्लांट करने वाला कोई ऐसा शख्स हो जिसने अपनों को किसी ट्रेन एक्सीडेंट में खोया हो। वह सिस्टम को यह बात बताना चाहता है कि एक आम आदमी को कमजोर न समझे। वह सिस्टम को सबक सिखाने के लिए ऐसा कुछ कर सकता है जिसे लोग टेरेरिस्ट एक्टिविटी कहते हैं। पुलिस से लेकर एनआईए तक महानगरी में बम प्लांट करने वाले का आतंकियों या नक्सलियों से कनेक्शन को खोजने में लगी है लेकिन इस एंगिल पर अभी तक इन्वेस्टिगेशन शुरू नहीं हुई है। अब तक की इन्वेस्टिगेशन में यह भी साफ हो चुका है कि बम प्लांट करने वाले की मंशा उसको ब्लास्ट करने की नहीं थी। बम न तो टाइमर से कनेक्ट था, न ही उसमें तार जुड़े थे। एटीएस की रिपोर्ट से भी साफ है कि यह बम ब्लास्ट नहीं होने वाला था। बम प्लांट करने वाला अपनी बात ऊपर तक पहुंचाना चाहता था जिसमें वह कामयाब भी रहा।

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ब्लास्ट करने में की लापरवाही

बम डिफ्यूज करने में बड़ी लापरवाही की गई। बम को डिफ्यूज करने के लिए ब्लास्ट किया गया लेकिन इसकी वीडियो रिकार्डिग नहीं की गई। इससे इसकी ताकत को लेकर सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे हैं। ब्लास्ट करने से पहले इसके बारे में आला अफसरों से मंजूरी भी नहीं ली गई थी।

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11 लोगों को झांसी ले गई जीआरपी

सभी यमुनापार के, भूमिका मानी जा रही संदिग्ध

चक भटाही से पकड़े गए युवक के पास मिले 13 सिम

ALLAHABAD: महानगरी में बम रखने वाले की तलाश में एनआईए, आईबी, एलआईयू, जीआरपी के साथ ही लोकल पुलिस यमुनापार इलाके को खंगाल रही है। अभी तक इन्वेस्टिगेटिव एजेंसियों को कोई खास सुबूत नहीं मिल सके हैं। यमुनापार से 11 लोगों को पकड़कर जीआरपी झांसी ले गई है जिनसे पूछताछ चल रही है। नैनी के चक भटाही से पकड़े एक युवक पर शक गहराता जा रहा है। उसके पास से फेक आईडी पर लिए गए 13 सिम मिले हैं। उससे आईबी समेत सभी एजेंसियां पूछताछ कर चुकी हैं। बार-बार बयान बदलने से उस पर शक गहराता जा रहा है। उसके हैंड राइटिंग के नमूने भी लिए गए हैं जिसका मिलान लेटर से किया जाएगा। हैंड राइटिंग एक्प‌र्ट्स की रिपोर्ट अब तक नहीं आ सकी है।

पांच को छोड़ा गया

पुलिस ने 24 घंटे के दौरान नैनी, महेवा, मेजा, कोरांव व शंकरगढ़ एरिया से कुल 16 लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था। सभी को शक के आधार पर उठाया गया था और उनसे 12 घंटे से अधिक समय तक कड़ाई से पूछताछ की गई। पांच की भूमिका न मिलने पर उनको रिलीज कर दिया गया जबकि बाकी को जीआरपी झांसी ले गई है। वहीं पर सभी खुफिया एजेंसियों से पूछताछ की जा रही है। जिन 11 लोगों से पूछताछ हो रही है, उनके दोस्तों, रिश्तेदारों की भी लिस्ट तैयार की गई है। उनके बारे में काफी जानकारी जुटाई गई है। हालांकि हिरासत में लिए गए लोगों के नाम अभी तक नहीं खोले गए हैं।