जितने एरिया में होता है व्यापार उतने का देना होगा कॉमर्शियल टैक्स

ALLAHABAD: कॉमर्शियल टैक्स नियमावली 2013 में कोई चेंज नहीं होगा। उन्हें पांच गुना बढ़े हुए दर पर ही टैक्स देना होगा। उन्हें इतनी राहत जरूर मिलेगी कि वही एरिया कॉमर्शियल हाउस टैक्स के दायरे में आएगा जिसका इस्तेमाल व्यापार के लिए हो रहा होगा। बता दें कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया तो व्यापारी लामबंद हो गए थे।

मेयर ने सदन को दी जानकारी

बजट पर चर्चा के लिए गुरुवार को बुलाई गई बैठक में मेयर अभिलाषा गुप्ता ने यह जानकारी पूरे सदन को दी। क्योंकि, कॉमर्शियल हाउस टैक्स को लेकर पार्षदों ने सदन में आवाज उठाई थी। मेयर ने कहा कि टैक्स नियमावली में अभी संशोधन नहीं हुआ है। पर, फैसला करीब-करीब हो चुका है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद जीओ जारी हो जाएगा। इसके अनुसार छोटे व्यापारियों को भरपूर राहत दी गई है। कॉमर्शियल हाउस टैक्स के दायरे में आए बड़े व्यापारियों को उसी दर पर टैक्स जमा करना होगा। लेकिन, कुछ दिन पहले सिविल लाइंस, सुलेमसराय के साथ ही अन्य व्यापार संगठनों की मांग और सुझाव पर जो निर्णय लिए गए हैं, उससे व्यापारियों को टैक्स के बोझ से काफी राहत मिलेगी।

इन सुविधाओं पर टैक्स भरने को राजी

व्यापारियों का सेट बैक एरिया जो है, उसमें कोई व्यवसायिक गतिविधि नहीं हो रही है तो टैक्स उन पर न लगे

चार फ्लोर की कॉमर्शियल बिल्डिंग है और दो फ्लोर का ही कॉमर्शियल यूज हो रहा है तीन महीने में उसकी जांच हो। व्यापारी से एफिडेविट लिया जाए। खाली फ्लोर का कॉमर्शियल टैक्स न लिया जाए

जांच में व्यापारी गलत पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

जो बिल्डिंग कॉमर्शियल है, जिसका व्यवहारिक प्रयोग किया जा रहा है, उस पर कॉमर्शियल टैक्स व्यवसाय के अनुसार ही लगाया जाए

किसी बिल्डिंग में जिम चल रहा है तो इसके लिए निर्धारित तीन गुना टैक्स ही वसूला जाय

होटल पर पांच गुना कॉमर्शियल हाउस टैक्स प्रस्तावित है, इसका मतलब ये नहीं कि पूरे पर पांच गुना हाउस टैक्स लगे। जिम पर तीन गुना ही लगे।

कॉमर्शियल भवन के ओपेन लैंड का कॉमर्शियल यूज नहीं हो रहा है, उस पर टैक्स न लगाया जाय

सदन में भरोसा दिलाया गया कि इन प्रस्तावों को लागू कर दिया जाएगा।