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LUCKNOW: रामपुर में उर्दू गेट तोड़े जाने और पूर्व मंत्री आजम खां के रामपुर पब्लिक स्कूल (आरपीएस) के 23 कमरे खाली कराकर यूनानी अस्पताल को कब्जा दिलाने के मामले नेे तूल पकड़ लिया है। समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की शिकायत पर चुनाव आयोग ने डीएम रामपुर आन्जनेय कुमार सिंह के खिलाफ जांच बैठा दी है। मामले की जांच मुरादाबाद के कमिश्नर और आईजी करेंगे। दोनों अधिकारी रविवार को रामपुर पहुंचेंगे।

चुनाव बहिष्कार की दी थी धमकी

बीते गुरुवार को सपाइयों ने रामपुर में बैठक कर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा कर दी थी। शुक्रवार को इसका प्रस्ताव सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को भेजा गया, जिसमें कहा गया कि रामपुर में प्रशासन ने दहशत का माहौल कायम कर रखा है और जिलाधिकारी के रहते निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं है। आजम खां के बेटे विधायक अब्दुल्ला ने भी लखनऊ पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पूरे मामले से अवगत कराया। अखिलेश यादव ने शनिवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा। उनका पत्र लेकर सपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल आयोग से मिला, जिसमें रामपुर के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।  

अधिकारियों को हटाने की मांग

आजम खां की पत्नी राज्यसभा सदस्य तजीन फात्मा ने भी मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर डीएम आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह, एडीएम जगदम्बा प्रसाद गुप्ता, सिटी मजिस्ट्रेट सर्वेश कुमार गुप्ता और एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश तिवारी, गंज के एसओ नरेंद्र त्यागी को तुरंत हटाने की मांग की है। पूर्व राज्यसभा सदस्य मुनव्वर सलीम ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है। डीएम ने बताया कि मुख्य चुनाव अधिकारी के निर्देश पर मुरादाबाद के कमिश्नर यशवंत राव और आईजी रमित शर्मा रविवार की दोपहर दो बजे रामपुर आएंगे और मामले की जांच करेंगे। इस संबंध में रामपुर का कोई भी व्यक्ति अपने बयान दर्ज करा सकता है।

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