- नगर पालिका में 9 कमेटियों का हुआ था गठन

- 31 तक कार्यकाल, बोर्ड से नहीं पास हुई कमेटियां

फतेहपुर, जागरण संवाददाता : शहर में विकास का घोड़ा दौड़ाने के लिए नगर पालिका ने 9 कमेटियों का गठन किया है। गठित कमेटियों के संवैधानिक अधिकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कमेटियां तो गठित हो गई हैं लेकिन बोर्ड बैठक न होने से यह विधिक रूप से सही नहीं हैं।

नगर पालिका बोर्ड में पक्ष और विपक्ष की तनातनी से विकास कार्य में अड़चन आ रही थी। ढाई साल बाद किसी तरह से सहमति बनाकर कमेटियों का गठन किया गया। दोनों पक्षों के सभासदों को समाहित करके 9 कमेटियों का गठन किया गया। इसमें प्रकाश, निर्माण, स्वास्थ्य, जलकल, ग्राम समाज, नीलामी, बाइलाज, सफाई, अतिक्रमण है। पालिका बाइलाज को देखें तो गठन के बाद इन कमेटियों को बोर्ड बैठक में पास किया जाना चाहिए। अगस्त माह में गठित कमेटियों को अभी तक संवैधानिक दर्जा तक नहीं मिल पाया है। कमेटी के अध्यक्ष और सदस्य बिना काम के तमगा लिए घूम रहे हैं। पालिका प्रशासन भी इनके सामने घास नहीं डाल रहा है। उधर पालिका प्रशासन ने कमेटियों को लेकर शासन से गाइड लाइन मांगी है। गाइड लाइन आती है कि नहीं यह तो आने वाला समय बता पाएगा। कारण कि कमेटियों के गठन के लिए शासन से गाइड लाइन मांगी गई थी। एक साल बाद भी गाइड लाइन नहीं आई है।

चेयरमैन नगर पालिका चंद्र प्रकाश लोधी कहते हैं कि शासन से गाइड लाइन मांगी गई है। अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वह जल्द पैरवी करके दिशा-निर्देश प्राप्त करें।

काम को नहीं मिलेगी मान्यता

कमेटियों के गठन के बाद अगर यह काम शुरू कर देती हैं तो इनके काम को विधिक मान्यता नहीं मिल पाएगी। जिससे ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होने में देर नहीं लगेगी। समय और मेहनत सब कुछ बर्बाद हो जाएगा।

बोर्ड बैठक हो या आए शासनादेश

नगर पालिका में गठित कमेटियों को तभी संवैधानिक दर्जा मिलेगा। जब बोर्ड की बैठक हो अथवा शासन से मांगी गई गाइड लाइन का शासनादेश मिले। पूर्व में गाइड लाइन मांगने में सफल नहीं रहा है और न ही समय से बोर्ड बैठकें होती रही हैं। दोनों में एक के पूरा होने तक इनका संकट बरकरार रहेगा।