स्वर्ण जीतने वाली पहली महिला मुक्केबाज

मुक्केबाजी स्पर्धा में भारत की मैरी कॉम ने स्वर्ण पदक जीत लिया। मैरीकॉम कॉमनवेल्थ में बॉक्सिंग में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। पांच बार विश्वविजेता रहीं मैरी कॉम ने फाइनल के 45-48 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में इंग्लैंड की क्रिस्टिना ओ हारा को 5-0 से हराया। मैरी कॉम ने सेमीफाइनल में श्रीलंका की अनुशा दिलरुक्सी को 5-0 से मात देकर फाइनल में जगह बनाई थी।

cwg 2018 : तीन बच्‍चों की मां मैरीकॉम ने गोल्‍ड मेडल जीतकर बढ़ाया देश का मान

ऐसे रहा तीनों राउंड में मैरी कॉम का अंदाज

मैच के पहले राउंड में मैरी कॉम ने धीरज से काम लिया और मौके की ताक में रहीं। जब भी मौका मिला उन्होंने पंज जमाए। दूसरे राउंड में भी वे उसी तरह थी लेकिन क्रिस्टिना की ओर से कोशिशें जारी थीं। लेकिन ज्यों ज्यों मुकाबला बढ़ रहा था मैरी कॉम भी आक्रामक होती जा रहीं थीं और क्रिस्टिना पर दवाब बनाया हुआ था। अंतिम राउंड में क्रिस्टिना आक्रामक हो गई थीं लेकिन मैरी कॉम ने अपना पलड़ा भारी रखा और गोल्ड मेडल जीत लिया।

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राष्ट्रपति ने दी मैरी कॉम को बधाई

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रमंडल खेलों के मुक्केबाजी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर भारत की अनुभवी मुक्केबाज व पांच बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरी कॉम को बधाई दी है। राष्ट्रपति ने ट्विटर पर दिए अपने बधाई संदेश में कहा, ‘राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं के 45-48 किग्रा मुक्केबाजी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के लिए मणिपुर और भारत की आइकन मैरी कॉम को बधाई।'

सांसद भी हैं मैरीकॉम

35 साल की मैरीकॉम ने अंतर्रराष्ट्रीय स्तर पर खेली गई कई प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उनके उत्कृष्ट खेल को देखते हुए भारत सरकार ने साल 2006 में उन्हें पद्मश्री, 2013 में पद्मभूषण और 2003 में खेल के सबसे बड़े पुरस्कार अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। यही नहीं 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने उन्हें राज्य सभा के लिए भी मनोनीत किया, वह इस समय राज्यसभा सांसद भी हैं।

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काफी संघर्ष के बाद मिली कामयाबी

मणिपुर के एक गरीब परिवार में पैदा हुईं मैरीकॉम के लिए बॉक्सिंग में करियर बनाना आसान नहीं था। खासतौर से एक महिला का मुक्केबाज बनना और कठिन हो जाता है। मैरीकॉम पर एक फिल्म भी बनी है जिसमें लीड एक्टर प्रियंका चोपड़ा हैं। फिल्म देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर मैरीकॉम ने किन मुश्किलों का सामना कर अपने लिए नया रास्ता चुना। साल 2005 में मैरीकॉम ने करुन ओंखोलर के साथ शादी कर ली। उनके तीन बच्चे हैं, हालांकि प्रेग्नेंसी के दौरान वह काफी वक्त तक बॉक्सिंग से दूर रहीं। यह उनकी हिम्मत और हौसला है कि बच्चों की परवरिश के बाद उन्होंने फिर से रिंग में हाथ आजमाया और आज भारत को 21वें कॉमनवेल्थ में गोल्ड जितवा दिया।