- मुख्य चुनाव आयुक्त के बाद एडमिनिस्ट्रेशन ऐसे गांवों की तलाश में जुटा

- माइक्रो लेवल पर सांप्रदायिकता को रोकने की तैयारी शुरू

- दोनों धर्मो के लोगों को बैठाकर की जाएगी बातचीत

- पुलिस और प्रशासन सादे कपड़ों में करेंगे निगरानी

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Meerut : मेरठ और सहारनपुर मंडल में ग्राम प्रधान चुनाव में सांप्रदायिक हिंसा का खतरा मंडराने के बाद से मेरठ का एडमिनिस्ट्रेशन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। एडमिनिस्ट्रेशन ने अब ऐसे गांवों की तलाश शुरू कर दी है, जहां सांप्रदायिक हिंसा फैल सकती है। साथ अधिकारियों ने ऐसे गांवों को चिह्नित करने को कहा है जहां जातिगत आधार पर भी हिंसा होने के चांस हैं। वैसे प्रशासनिक अधिकारी ये सब रिपोर्ट गोपनीय तरीके से तैयार करा रहे हैं। इसलिए दोनों मुद्दों पर खुलकर बोलने को भी तैयार नहीं हैं।

गांवों की लिस्ट होगी तैयार

मुख्य चुनाव आयुक्त के बयान के बाद एडमिनिस्ट्रेशन के आलाधिकारियों ने अपने कर्मचारियों को फील्ड में जाकर सर्वे करने को कहा है। इस सर्वे से दो तरह के गांवों को चिह्नित करने को कहा है जिनकी वजह से ग्राम प्रधान के चुनाव में हिंसा होने की पूरी संभावना हैं। जी हां, जहां एक ओर सांप्रदायिक हिंसा होने की संभावना वाले गांवों को चिह्नित किया जा रहा है। वहीं यहां के गांवों में जातिगत हिंसा भी काफी होती है। ऐसे गांवों की भी सूची तैयार की जा रही है।

सादे कपड़ों में रहेगी पुलिस

प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो ऐसे गांवों में सभी धर्मो के विशिष्ठ लोगों को बुलाकर बात की जाएगी। ऐसे लोगों को सांप्रदायिक सौहार्द कायम कराने के लिए कहा जाएगा। वहीं हर पांच बूथों पर दो-दो पुलिस वालों को सादे कपड़ों में रखा जाएगा। ताकि ऐसे लोगों को चिह्नित करने का काम करेंगे तो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। साथ ही जातिगत दृष्टिकोण से लोगों को बहकाने का काम कर रहे हैं।

गुपचुप हो रहा है काम

ये पूरा ऑपरेशन गुपचुप तरीके से किया जा रहा है। इसकी भनक किसी को भी लगने दी जा रही है। न ही आलाधिकारी इस बारे में कुछ भी शेयर करने को तैयार हैं। जब अधिकारियों को इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरठ में सांप्रदायिक हिंसा फैलने के आसार न के बराबर हैं। यहां सिर्फ जातिगत हिंसा का डर है, जिसे कंट्रोल करने पूरी कोशिश की जाएगी।

सांप्रदायिक हिंसा के मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त ने मुजफ्फरनगर को ज्यादा चिह्नित किया था। यहां ऐसी कोई ज्यादा प्रॉब्लम है। मेरठ में जातिगत हिंसा ज्यादा प्रॉब्लम दे सकती है। इसके बारे में पूरी प्लानिंग की जा रही है।

- दिनेश चंद्र, एडीएम ई, मेरठ