म्यांमार में सांप्रदायिक हिंसा

म्यांमार का सांप्रदायिक तानाबाना तमाम कोशिशों के बावजूद सुधरने का नाम नहीं ले रहा. एक के बाद एक नई जगहों पर मुस्लिम और बौद्ध टकरा रहे हैं. पिछले एक साल से जातीय हिंसा का शिकार बन रहा पश्चिमी राज्य राखिन एक बार फिर से बौद्ध-मुस्लिम टकराव का गवाह बना है. इसमें एक वृद्ध महिला की मौत हो गई और 70 घरों को आग के हवाले कर दिया गया.

बौद्ध से बदसलूकी पर भड़की हिंसा

पुलिस ने बताया कि सांप्रदायिक हिंसा राज्य के तटीय शहर थांडवे के थाब्याचाइंग गांव में शुरू हुई. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि एक मुस्लिम कारोबारी की दुकान के बाहर शनिवार को कार पार्क करने वाले बौद्ध से बदसलूकी की गई और छोटी सी बात ने माहौल खराब कर दिया. इसके बाद इलाके के कई गांवों में आगजनी और मारपीट की घटनाएं होने लगीं. शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कफ्र्यू लगाया गया है. पुलिस ने बताया कि मारी गई 94 वर्षीय महिला मुस्लिम थी.

राष्ट्रपति हिंसाग्रस्त इलाकों दौरे पर

राष्ट्रपति थीन सेन हिंसाग्रस्त इलाकों के पहले दौरे पर पहुंचे हैं. मंगलवार को वह राखिन की राजधानी सित्वे पहुंचे. वह इस दौरान विभिन्न समुदाय के लोगों, अधिकारियों और राजनेताओं से मुलाकात कर स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिश करेंगे. देश में करीब आधी सदी के सैन्य शासन को खत्म करने वाले राष्ट्रपति सांप्रदायिक हिंसा को रोक पाने में असफल हुए हैं. उनकी दुनियाभर में निंदा की जा रही है.

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