तीसरी बार मिली सफलता
इसरो द्वारा बनाए गए इस सैटेलाइट का वजन 3181 किलोग्राम है. इस सैटेलाइट से पब्लिक और प्राइवेट टीवी के साथ रेडियो सर्विस की क्षमता बढ़ेगी. साथ ही टेलीफ़ोन और इंटरनेट सुविधाएं भी अच्छी होंगी. कम्युनिकेशन सेवाओं में नैशनल स्पेस क्षमता को मजबूत बनाने के लिए डिजाइन किए गए जीसैट 16 को रविवार तड़के 2 बजकर 10 मिनट पर सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया. जीसैट 16 को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में लॉन्च किया गया. इस दोहरे उपग्रह मिशन में जीसैट 16 और डायरेक्ट 14 को प्रक्षेपित किया गया. जीसैट 16 को जियोस्टेशनरी कक्षा में 55 डिग्री पूर्वी देशांतर में स्थापित किया जाएगा.

बाहर से करनी पड़ी लॉन्चिग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर इस सफलता के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी है. अपने बधाई संदेश में प्रधानमंत्री ने लिखा है, कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-16 हमारे स्पेस प्रोग्राम में अहम साबित होगा. वैज्ञानिकों को सफल लॉन्चिंग की बधाई. भारत के मौजूदा रॉकेट्स पीएसएलवी और जीएसएलवी में दो टन से ज्यादा के सैटलाइट्स की लॉन्चिंग की क्षमता नहीं है, इसलिए इसरो को जीसैट की लॉन्चिंग बाहर से करनी पड़ी. इसरो का अगला बड़ा मिशन जीएसएलवी मार्क-3 नामक रॉकेट की लॉन्चिंग की है जो अपने साथ चार से पांच हजार किलो तक का वजन ले जा सकता है. जीएसएलवी मार्क-3 को इस महीने की 20 से 25 तारीख के बीच लॉन्च किया जा सकता है.

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