- महाप्रबंधक मुख्यालय को मिली चेतावनी, कुछ अधिकारियों को आरोप पत्र थमाये

- दिलाराम बाजार में 17 अगस्त को जल संस्थान परिसर में हुआ था क्लोरीन का रिसाव

DEHRADUN : सिटी के दिलाराम बाजार स्थित जल संस्थान परिसर में क्लोरीन गैस रिसाव के मामले में जांच पूरी कर ली गई है। जांच कमेटी ने मामले में क्लोरीन के सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनी को दोषी करार दिया है। जल संस्थान द्वारा कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जांच में कई अफसरों की लापरवाही भी उजागर हुई है। क्7 अगस्त को हुई इस घटना में गैस की चपेट में आने से तीन लोगों की हालत खराब हो गई थी, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।

तो हादसा नहीं होता

जल संस्थान के महाप्रबंधक एसके गुप्ता द्वारा घटना की जांच के लिए सुदेश कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। पेयजल निगम के एसई एनएस बिष्ट और एग्जिक्यूटिव इंजीनियर इमरान अहमद को कमेटी का सदस्य बनाया गया था। बुधवार को इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट महाप्रबंधक को सौंप दी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में गैस सिलेंडर सप्लाई करने वाली अलीगढ़ की कीर्ति कैम इंडिया कंपनी को दोषी माना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि कंपनी नियमानुसार सिलेंडरों की जांच करती तो हादसा नहीं होता।

अधिकारी भी दोषी

जांच में जल संस्थान के कुछ अफसरों की लापरवाही भी उजागर हुई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रभारी अधिशासी अभियंता यशवीर मल्ल, अपर सहायक अभियंता एके गुप्ता और फतेह सिंह को लापरवाही के कारण आरोप-पत्र दिये गए हैं। इसके अलावा महाप्रबंधक (मुख्यालय) नीलिमा गर्ग अधीक्षण अभियंता सुबोध कुमार को दुर्घटना के तुरन्त बाद निरीक्षण न करने के कारण चेतावनी दी गई है।

शासन स्तर पर कमेटी का सुझाव

जांच कमेटी ने यह भी सलाह दी है कि शासन स्तर पर एक कमेटी का गठन कर यह अध्ययन कर लिया जाये कि किन-किन स्थानों पर लिक्विड क्लोरीन से क्लोरीनेशन किया जाये और इसके लिए क्या-क्या सुरक्षा उपाय किये जायें ताकि भविष्य में ऐसा हादसा दोबारा न हो। कमेटी ने सलाह दी है कि शासन स्तर की समिति के सु़झाव मिलने तक पेयजल के विसंक्रमितीकरण का कार्य सोडियम हाइपोक्लोराइट से ही कराया जाये। क्लोरीन गैस के सिलेंडरों को सुरक्षित स्थानों पर रखने की भी सलाह दी गई है। इस गैस रिसाव से पीडि़त लोगों के इलाज में खर्च हुई राशि का क्षतिपूर्ति की भी रिपोर्ट में संस्तुति की गई है।

- हमारे द्वारा हादसे की जांच कराई गई, जांच रिपोर्ट में क्लोरीन सप्लाई करने वाली कंपनी को दोषी पाया गया। हमने कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया है। कुछ अफसरों की लापरवाही भी सामने आई है, उन्हें आरोप पत्र जारी किए गए हैं।

- एसके गुप्ता, महाप्रबंधक, जल संस्थान।