-हाईकोर्ट में दाखिल हुई पीआईएल, एसएसपी को लेटर

-सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर हुई थी जांच पड़ताल

GORAKHPUR: गोरापुर में सोलर लाइट्स लगाने में हुए गड़बड़झाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस की उलझन भी बढ़ गई है। क्योंकि इस मामले में अंदेशा है कि बड़ा घोटाला हुआ है।

सामाजिक कार्यकर्ता संजय मिश्र ने एसएसपी को पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। उन्होंने एसएसपी को बताया कि 14वें वित्त आयोग से मिले बजट में गड़बड़ी की गई थी। आरटीआई के तहत जानकारी उनको मिली। तब उन्होंने संबंधित लोगों के ािलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए उन्होंने हाईकोर्ट की प्रयागराज खंडपीठ में पीआईएल दािल कर दिया। इसमें 87 प्रधान और 32 ग्राम पंचायत अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है।

ऐसे लगी सोलर लाइट्स

वर्ष 2015-16 में 851 पीस

वर्ष 2016-17 में 483 पीस

वर्ष 2017-18 में 323 पीस

इन बातों की हुई शिकायत

सोलर लाइट्स की स्थापना के लिए यूपी नेडा अधिकृत है।

जिले में विभिन्न एजेंसियों की तरफ से सोलर लाइट्स लगाए गए हैं।

सोलर लाइट्स का रेट 2015-16-17-18 प्रति लाइट का रेट 20,900 रुपए निर्धारित था।

यूपी नेडा की तरफ से प्रति लाइट्स पर 71 सौ रुपए का अनुदान दिया जाता है।

सोलर लाइट्स लगाने में गड़बड़झाला हुआ। इसमें प्राइवेट एजेंसियों की मदद ली गई।

सोलर लाइट्स की बैट्री, पैनल और अन्य चीजें मानक के अनुसार नहीं थी। इसलिए जल्दी खराब हुई।

जिले के 19 ब्लाक में होनी चाहिए। लेकिन सिर्फ सात ब्लाक में जांच करके कार्रवाई

इसलिए एसएसपी को दिया गया पत्र

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डॉ। सुनील गुप्ता को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। कहा कि सोलर लाइट्स लगाने में अनियमितता की गई। इसमें भारी करप्शन किया गया। पीआईएल 367-2020 संजय कुमार बनाम उत्तर प्रदेश सरकार वगैरह में पारित आदेश 26 फरवरी के अनुक्रम में मुकदमा दर्ज कराया जाए। अपने एप्लीकेशन में उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत पर सात ब्लाक में लगी सोलर लाइट्स की आधी-अधूरी जांच कराई गई। सीडीओ गोरखपुर ने केवल गलत सूचना पर टैक्स बचाने से संबंधित धन की वसूली का आदेश दिया। किसी के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं दर्ज कराई गई। इसलिए पीआईएल दाखिल करना पड़ा। 27 जनवरी 2020 को दाखिल पीआईएल में कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश आवेदक को दिया। कोर्ट के आदेश पर आवेदक ने एसएसपी को पत्र देकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। इस संबंध में डीएम को भी पत्र भेजा गया है।

वर्जन

इस मामले में नोडल अधिकारी की तरफ से मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर देनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसलिए शिकायकर्ता ने पीआईएल दाखिल किया। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शिकायर्ता को इस मामले में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि आप के पास भष्ट्राचार और घोटाले के संबंध में साक्ष्य हैं तो उनके विरुद्ध स्थानीय न्यायालय में एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

ओंकारनाथ भट्ट, एडवोकेट

हाईकोर्ट के डाइरेक्शन के अनुसार इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी। शिकायतकर्ता की तरफ से उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के संबंध में संबंधित विभाग से भी रिपोर्ट ली जाएगी। पत्रावली सामने आने पर कार्रवाई प्रारंभ होगी। इससे जुड़े सभी तथ्यों की जांच होगी।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी