- गाजीपुर और इंदिरा नगर एरिया में लोगों ने की शिकायत
- थाना स्तर पर सुनवाई न होने पर सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत
-घरों के सामने बना डाला मयखाना, लोगों को निकलना हुआ मुश्किल
mayank.srivastava@inext.co.in
LUCKNOW: शराब का पैग लड़ाना स्टेट्स सिंबल बन गया है। शौक अब जरूरत बनकर रोड पर आ गई है। आलम यह हो गया है कि लोग रोड पर जाम लड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। उनकी इस हरकत से इंदिरानगर और गाजीपुर के लोग काफी परेशान हैं, लेकिन इसके बावजूद घरों के सामने नशे के आदी मयखाना बनाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। गाड़ी में खड़े होकर शराब पीना या फिर कार में बैठकर 'कार-बार' लगाना आम है। पुलिस इन्हें रोकने के लिए कभी-कभार लाठी फटकारती है, लेकिन कुछ दिन बाद फिर से मजमा लग जाता है। पुलिस द्वारा रोड पर पैग लड़ाने वालों पर कोई ठोस कार्रवाई न होने पर गाजीपुर और इंदिरानगर के रहने वालों ने सीएम के पोर्टल आईजीआरएस पर शिकायत की है, लेकिन फिर भी उनको राहत नहीं मिल रही है।
सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत
आईजीआरएस नंबर 91915700031767 पर गाजीपुर के इंदिरानगर निवासी रविंद्र उपाध्याय ने शिकायत की है कि उनके घर के बाहर व आस-पास लोग रोड पर खड़े होकर शराब पीते हैं। शिकायत पर पुलिस कर्मी आते हैं, लेकिन दो-तीन दिन बाद फिर लोग शराब पीने लगते हैं, जिससे लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। आते-जाते वह उनपर कमेंट करते हैं।
हेल्पलाइन और थाने पर शिकायत
इंदिरानगर, गाजीपुर के अलावा शहर के कई इलाकों से पुलिस की हेल्प लाइन और थाना स्तर पर रोड पर जाम छलकाने वालों की लगातार शिकायत आती हैं। खुद पुलिस अफसरों का कहना है कि ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन पुलिस के एक्शन से एक व दो दिन सब ठीक रहता और फिर वही हालात बन जाते हैं।
खानापूर्ति कर रही है पुलिस
रोड पर जाम लड़ाने वाले जब पुलिस की रेड में पकड़े जाते हैं तो उनके खिलाफ पुलिस दफा 34 में चालान कर रात भर थाने में बैठाती है और फिर चेतावनी देकर छोड़ देती है। कई बार रोड पर शराब पीने के दौरान झगड़ा भी होता है और पुलिस केवल 151 में कार्रवाई कर जिम्मेदारी पूरी कर लेती है। हाल ही में गाजीपुर थाने में पुलिस ने करीब आधा दर्जन युवकों के खिलाफ 151 की कार्रवाई की थी।
'कार-बार' का चल रहा खेल
वीआईपी इलाके में शुमार गोमतीनगर समेत शहर के कई इलाके ऐसे हैं जहां लोग कार में बैठ कर शराब का सेवन करते हैं। शहर में इसे 'कार-बार' का नाम से जाना जाता है। वीआईपी इलाके में सुनसान जगहों पर अक्सर 'कार-बार' को देखा जा सकता है क्योंकि वीआईपी इलाका होने के चलते पुलिस की चेकिंग का डर कम रहता है।
गाजीपुर इलाके में वाइन शॉप
- संजय गांधी पुरम डाल
- नीलगिरी जस्ट मदिरा मॉडल शॉप
- नीलगिरी वाइन शॉप
- पॉलीटेक्निक चौराहे वाइन शॉप
- आम्रपाली चौराहे वाइन शॉप
- बी ब्लॉक रोड पर वाइन शॉप
- मुंशीपुलिया चौराहे वाइन शॉप
इंदिरा नगर इलाके में वाइन शॉप
- फरीदी नगर मॉडल शॉप
- पिकनिक स्पॉट रोड वाइन शॉप
- तकरोही बाजार वाइन शॉप
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नियम तो सख्त हैं पर पालन नहीं
- शराब की दुकानों से सिर्फ शराब की बिक्री होगी। पीने का इंतजाम नहीं होना चाहिए।
- अगर कहीं ऐसा होता है तो उसके लिए अनुमति लेनी होगी।
- बिना परमिशन शराब पिलाने पर दुकान का लाइसेंस रद कर उसे सीज किया जा सकता है।
- खुलेआम शराब नहीं पी सकते हैं। घर पर भी अगर वाइन समूह में लेते हैं तो तीन बोतल से अधिक होने पर अस्थायी लाइसेंस लेना जरूरी है।
- खुलेआम शराब पीने वालों को जुर्माना के साथ जेल हो सकती है।
- खुलेआम शराब पीने वालों के खिलाफ कार्रवाई का सख्त निर्देश है। सभी थाने अपने क्षेत्र में इस पर निगरानी रखते हैं। कार्रवाई भी होती है।
- ठेके के बाहर व आसपास शराब पीने वालों को रोकने के लिए आबकारी विभाग को अभियान चलाने आदेश है।
- शराब ठेकों पर बोर्ड में इस बात का उल्लेख किया जाए कि शराब सार्वजनिक स्थानों पर न पिएं।
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किन धाराओं में कार्रवाई
- नशे में धुत व हंगामा करते मिलने पर पुलिस अधिनियम 1861 की धारा 34 (1) के तहत बिना वारंट गिरफ्तारी।
- 8 दिन की जेल या फिर जेल व जुर्माना दोनों।
- भारतीय दंड संहिता की धारा 290 व 510 के तहत भी कार्रवाई के निर्देश हैं। इस धारा में 24 घंटे से अधिक कारावास या जुर्माने का प्रावधान है।
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चेकिंग से डर नहीं
ड्रंक एंड ड्राइव में पकड़े जाने वाले कुछ युवाओं ने बताया कि वे जुर्माना देकर छूट गए। कुछ ने बताया कि पुलिसकर्मी को रिश्वत दी और निकल गए। इन लोगों को किसी भी शराब दुकानदार ने उनकी उम्र देखकर शराब देने से मना नहीं किया। सबसे सेफ जगह टीनएजर्स कार को मानते हैं। शहर में कई बार शराब के नशे में धुत यूथ से एक्सीडेंट भी हुए हैं लेकिन किसी को आज तक सख्त सजा ही नहीं मिली।