संस्कार भारतीय द्वारा आयोजित दो दिवसीय गंगा मनुहार कार्यक्रम का हुआ समापन

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PRAYAGRAJ: देश में रंगरूप, वेशभूषा, खानपान व रहन-सहन की तमाम विविधताओं के बावजूद देश केवल अध्यात्म के कारण जुड़ा हुआ है और एक है। इतना ही नहीं हमारे तीर्थ और नाम उत्तर से दक्षिण तक और पूरब से पश्चिम तक के लोगों को एक सूत्र में बांधे रखते हैं। यह बातें बतौर मुख्य अतिथि जूना अखाड़ा के आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद जी महाराज ने शनिवार को संस्कार भारती द्वारा आयोजित दो दिवसीय गंगा मनुहार कार्यक्रम के समापन अवसर पर कही। उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि पूरे देश की नदियों का जल त्रिवेणी संगम में लाकर संस्कार भारती ने देश की एकता को नई मजबूती दी है।

सांस्कृतिक कुंभ का आयोजन अद्भुत

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात नृत्यांगना व पद्म विभूषण से सम्मानित सरोजा वैद्यनाथन ने कहा कि धार्मिक और आध्यात्मिक कुंभ में सांस्कृतिक कुंभ का आयोजन अद्भुत है। संस्कार भारती के संस्थापक संरक्षक व पद्मश्री बाबा योगेन्द्र ने विस्तार से गंगा मनुहार कार्यक्रम की परिकल्पना पर प्रकाश डाला। संस्कार भारती की स्थानीय अध्यक्ष कल्पना सहाय ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन डॉ। आभा श्रीवास्तव का रहा। आभार कार्यक्रम के सह संयोजक अतुल द्विवेदी ने व्यक्त किया। समापन पर पूर्वोत्तर के राज्यों के 108 कलाकारों ने मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियां की। इस मौके पर भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बांके लाल, राष्ट्रीय मंत्री अभिजीत गोखले, शैलेन्द्र मधुर, सनातन दुबे, गिरीश मिश्रा आदि मौजूद रहे।