- टिकट का बकाया 440 रुपए लेने के लिए एक वीक से भटक रहा वाहिद

>BAREILLY: गत पांच अक्टूबर को पुराने शहर के रहने वाले वाहिद किसी काम से रामपुर गए थे। उन्होंने कंडक्टर को टिकट लेने के लिए 500 रुपए की नोट दिया। कंडक्टर ने रामपुर जाने के लिए 60 रुपए का टिकट बनाया, लेकिन बचे रुपए देने की बजाय टिकट के पीछे लिख दिया। वाहिद रामपुर में उतर गए लेकिन रुपए लेना भूल गए। जब बस आगे चली गई तो उन्हें रुपए की याद आई लेकिन तब तक बस जा चुकी थी। अब वह कई दिनों से सेटेलाइट बस अड्डे पर रुपए लेने के लिए चक्कर काट रहे है, लेकिन उन्हें रुपए नहीं मिले। यह मामला बस नजीर भर है। इस तरह हर रोज कंडक्टर न जाने कितने पैसेंजर्स के रुपए कुंडली मार जाते हैं।

कंडक्टर करते हैं खेल

बस कंडक्टरों का यह खेल पूरे प्रदेश में चलता है। नियम यह है कि रूट पर जाने से पहले कंडक्टर बैग लेने के साथ फुटकर भी ले लें। ताकि पैसेंजर्स से किराया लेने के साथ ही उन्हें फुटकर रुपए वापस कर दें। लेकिन कंडक्टर ऐसा नहीं करते हैं। वह बकाया किराया टिकट के पीछे लिख देते हैं। कोई पैसेंजर्स शहर का हो तो भले ही रुपए लेने के लिए बस स्टेशन पहुंच जाए लेकिन दूसरी डिस्ट्रिक्ट के पैसेंजर्स रुपए लेने के लिए नहीं आते। इसके चलते कंडक्टर की मोटी कमाई होती है।

चक्कर काटकर आने लगा चक्कर

रामपुर जाने के लिए कंडक्टर को 500 रुपए देने वाले वाहिद ने बताया कि वह कई दिनों से रुपए लेने के लिए सेटेलाइट बस स्टेशन पर जा रहे हैं लेकिन उन्हें उनकी रकम लौटाई नहीं जा रही है।