श्रीनगर (एएनआई)। भारतीय सेना ने शुक्रवार को बताया कि उन्हें इस बात की खुफिया जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान के आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को बाधित करने की योजना बना रहे थे। इसके लिए वह आतंकी हमला करने वाले थे लेकिन सेना ने उनकी साजिश को नाकाम कर दिया। चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह, सीआरपीएफ के एडिशनल डायरेक्टर जुल्फिकार हसन, आईजीपी कश्मीर एसपी पानी और अन्य के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'पिछले तीन से चार दिनों में, हमें यह जानकारी मिली कि पाकिस्तान से आये आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसको लेकर सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने सभी रास्तों की गहन तलाशी शुरू की। इस दौरान हमने बड़ी सफलताएं हासिल हुईं। हमें एक टेलिस्कोप लगा हुआ एम -24 अमेरिकी स्नाइपर राइफल और एक लैंडमाइन मिला, जिसमें पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के निशान थे।'

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500 रुपये के लिए सुरक्षा बलों पर फेंकते हैं पत्थर

ढिल्लों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी में गहन विश्लेषण किया और पता लगाया कि हथियार उठाने वाले 83 प्रतिशत स्थानीय लोगों के पास पथराव करने का रिकॉर्ड है। कश्मीरी युवाओं की माताओं से अपील में चिनार कोर कमांडर ने कहा, 'अगर आज आपका बच्चा 500 रुपये के लिए सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंकता है तो वह कल आतंकवादी बन जाएगा।' इसके अलावा हसन ने कहा कि अमरनाथ यात्रा को बाधित करने के प्रयास सुरक्षा बलों की कड़ी मेहनत के कारण असफल रहे। उन्होंने कहा, 'अमरनाथ यात्रा कई खतरों के बावजूद शांतिपूर्ण रहा है। इस यात्रा को बाधित करने के कई प्रयास हुए हैं लेकिन सुरक्षाकर्मियों की कड़ी मेहनत, टेक्नोलॉजी के उपयोग और लोगों के सहयोग के कारण सबकुछ असफल रहा।' इसके बाद जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा, 'घाटी और जम्मू क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या में कमी आई है। हमारे जिन जवानों को तैनात किया गया है, उन्हें थोड़ी देर के लिए भी आराम करने का मौका नहीं मिल रहा है।'

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