PATNA : फिल्म 'एक्सीडेंटल पीएम' पर विवाद बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को मुजफ्फरपुर के एसडीजेएम (पश्चिमी) सबा आलम के कोर्ट ने अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा के परिवाद की सुनवाई के बाद कांटी थानाध्यक्ष को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच का आदेश दिया है। वहीं दूसरी विवादित फिल्म 'ठाकरे' में आपत्तिजनक दृश्यों के आरोप में सीजेएम आरती कुमारी सिंह के कोर्ट में परिवाद दाखिल कराया गया है। अधिवक्ता सुधीर ओझा ने 2 जनवरी को उपखंड न्यायिक दंडाधिकारी (पश्चिमी) गौरव कमल के कोर्ट में दाखिल परिवाद में फिल्म के कई दृश्यों को आपत्तिजनक बताया था। सुनवाई के लिए एसडीजेएम (पश्चिमी) के कोर्ट में भेजा गया था। अनुपम खेर समेत अर्जुन माथुर, रामावतार भारद्वाज, अक्षय खन्ना अभिनेत्री अहाना, सुजैन ब्राहमैट, दिव्या सेठ, हंसल मेहता, विजय रत्नाकर, अवतार सहनी, विमल वर्मा, अनिल रस्तोगी, सह निर्माता लल्लन टॉप और संपादक मनीष नेगी सहित 14 को आरोपी बनाया था।

वाद में यह है आरोप

अधिवक्ता ओझा ने कहा है कि 28 दिसंबर को विभिन्न चैनलों पर फिल्म 'एक्सीडेंटल पीएम' का प्रोमो दिखाया गया था। इसमें देश की सुरक्षा को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया, साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ। मनमोहन सिंह और देश की छवि बिगाड़ने के दृश्य का फिल्मांकन किया गया है। साथ ही राहुल गांधी, सोनिया गांधी, लालू आदि नेताओं का मजाक उड़ाया गया है।

ठाकरे के सीन से आपत्ति, 15 को होगी सुनवाई

फिल्म 'ठाकरे' में आपत्तिजनक दृश्यों का आरोप लगाते हुए सीजेएम में परिवाद हक ए हिंदुस्तान मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक तमन्ना हाशमी ने दाखिल किया है। फिल्म निर्माता अभिजीत पंसे, अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी व लेखक संजय राउत को आरोपित बनाया गया है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 15 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है। तमन्ना हाशमी ने कहा है कि सात जनवरी को उन्होंने यू-ट्यूब पर 'ठाकरे' फिल्म का मराठी और ¨हदी भाषा में ट्रेलर देखा। इसमें उत्तर भारतीयों खासकर बिहार व यूपी के लोगों के खिलाफ अपशब्दों व अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है।