- 500 अवैध निर्माण किए थे चिह्नित
- 200 लोगों ने करा ली थी कंपाउंडिंग
- 300 लोगों को जारी किया जा है नोटिस
- कंपाउडिंग का डाटा अब वेबसाइट पर करना होगा अपलोड
- अब बीडीए के अफसर नहीं कर सकेंगे साठगांठ
बरेली : हर माह कितने अवैध निर्माणों को वैध यानि कंपाउंडिंग कराई गई इसका डाटा बीडीए के अफसरों को हर माह अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। जिसकी मॉनीटरिंग शासन स्तर पर की जाएगी। इस कार्य में उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ फौरन कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आवासीय और कॉमर्शियल दोनों पर नियम
इस नवीन व्यवस्था के तहत शहर में कोई भी आवासीय और कॉमर्शियल बिल्डिंग का डाटा साइट पर अपलोड करना होगा। जिससे घर बैठे बरेलियंस बीडीए की वेबसाइट पर जाकर अपने भवन संबंधी दी गई सूचना को देख सकेंगे।
जांच रिपोर्ट भी होगी ऑनलाइन
नव निर्मित रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल मैप के लिए निर्माण विभाग की टीम सर्वे के लिए निरीक्षण करती है। इसके बाद जेई और वीसी को रिपोर्ट भेजी जाती है। टीम पर निर्माणकर्ता से साठगांठ करने के पहले भी आरोप लगते रहे हैं। अब जांच रिपोर्ट ऑनलाइन होने से शासन स्तर से भी इस मामले की फौरन जांच की जा सकेगी।
कागजी झंझट से भी निजात
बिल्डिंग ओनर्स को इस ऑनलाइन प्रक्रिया से काफी फायदा मिलेगा। कोई भी ओनर अब अपने मोबाइल से ही नक्शा संबंधी जानकारी ले सकेंगे। वहीं, अगर विभाग की ओर से कोई खेल भी किया गया है तो उसकी भी पकड़ आसानी से हो जाएगी।
पहले यह थी व्यवस्था
पिछले दिनों अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए कंपाउंडिंग कराई गई थी। इस दौरान ही वीसी ने कंपाउंडिंग कराने वाले निर्माणकर्ताओं की मैप संबंधी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान सिर्फ कंपाउंडिंग कराने वालों का ही डाटा अपलोड किया गया था। अब शासनादेश के बाद पूरा ही डाटा वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया गया है।
हर माह भेजनी होगी रिपोर्ट
शासनादेश की मानें तो हर माह कितने बीडीए के अफसरों के कितने अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की और कितनों की पहचान की गई इसके की डाटा की रिपोर्ट भी बनाकर बेवसाइट पर अपलोड करनी होगी। जिसकी मॉनीटरिंग शासन स्तर से की जाएगी।
क्यों करानी पड़ती है कंपाउंडिंग
बीडीए से नक्शा स्वीकृत कराकर अगर नक्शे के आधार पर बिल्डिंग का निर्माण न करने पर बिल्डिंग को अवैध माना जाता है। इसके लिए बीडीए की ओर से इस निर्माण को वैध बनाने के लिए कंपाउंडिंग कर संशोधित नक्शे में इस अवैध निर्माण को शामिल किया जाता है जिससे बिल्डिंग का निर्माण वैध हो जाता है।
यह है बीडीए की वेबसाइट
बीडीए की बेवसाइट बीएलवाईडीए एड द रेट एनआईसी डॉट इन पर जाकर डाटा अपलोड किया जाएगा। वहीं शहरवासी वेबसाइट को ओपन कर आसानी से अपने मैप का नंबर साइट पर डालकर निर्माण संबंधी जानकारी ले सकेंगे।
वर्जन
शासन स्तर से कार्रवाई, निरीक्षण समेत समस्त डाटा ऑनलाइन करने का आदेश मिला है। जिसके तहत अधिकारियों को रिपोर्ट भेजने की जिम्मेदारी दे दी गई है।
दिव्या मित्तल, वीसी, बीडीए।