कानपुर। भारत का संविधान बनाने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन का समय लगा, इस दौरान 166 दिन संविधान सभा की बैठक हुई। इसे 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने स्वीकार किया व 26 जनवरी 1950 को इसके प्रभावी होने के साथ भारत एक संप्रभुता संपन्न गणराज्य बन गया।

कब हुई संविधान दिवस मनाने की शुरुआत

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर, 2015 को मुंबई में डा. भीमराव अंबेडकर की स्मृति में स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी मेमोरियल के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान यह दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी। इसी वर्ष डा. अंबेडकर जो कि भारत की संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन भी थे की 125वीं जयंती थी। भारत सरकार ने इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन 19 नवंबर, 2015 को जारी किया। तब से इस दिन को संविधान सभा के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन को मनाने का महत्व

इसी दिन भारत की संविधान सभा ने संविधान को स्वीकार किया था इसलिए यह देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। इतना ही नहीं यह दिन संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन रहे डा. भीमराव अंबेडकर के संविधान निर्माण में योगदान को भी याद करने का दिन है। भारतीय संविधान किसी संप्रभुता संपन्न देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है

कैसे मनाया जाता है यह दिन

इस दिन सार्वजनिक अवकाश नहीं होता है। सरकारी कार्यालयों व स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना पढ़ी जाती है। क्विज समेत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है जिससे लोगों संविधान बनने व उसके बारे में जानकारी मिलती है।

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