- कंटेनर स्कूल में मिल रही क्वालिटी एजुकेशन

- आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छोटे बच्चों को दे रहे फ्री एजुकेशन

- यहां के छोटे बच्चे बोल रहे फर्राटेदार इंग्लिश

GORAKHPUR: ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार, हाउ आई वंडर वॉट यू आर, मे आई कम इन सर गुड मॉर्निग सर ऐसी फर्राटेदार इंग्लिश कंटेनर स्कूल के बच्चे बोलते हैं। खोराबार एरिया में नए कॉन्सेप्ट पर खुला कंटेनर स्कूल ऐसे छोटे बच्चों को फ्री एजुकेशन दे रहा है जो बेहद छोटे हैं और वे किसी स्कूल में नहीं जाते हैं। ऐसे बच्चों को सेलेक्ट कर उन्हें पढ़ाकर इतना स्मार्ट बनाया जा रहा है कि वे किसी भी स्कूल में टेस्ट देकर क्लास वन में आराम से एडमिशन पा सकें। सेंट पॉल स्कूल के डायरेक्टर अमरेश चन्द्रा के प्रयास से ये स्कूल बनाया गया है जिसमें कमजोर वर्ग के बच्चों को हाइटेक एजुकेशन मिल रही है।

24 बच्चे पा रहे एजुकेशन

खोराबार एरिया के एक कस्बे से 24 बच्चों को सेलेक्ट किया गया है। ये छोटे बच्चे अभी ककिसी स्कूल में नहीं पढ़ते थे। बच्चों के पैरेंट्स भी आर्थिक रूप से कमजोर थे। पैरेंट्स को कंटेनर स्कूल के बारे में बताया गया।

तीन साल देते ट्रेनिंग

कंटेनर स्कूल अरुण मार्टिन की देख-रेख में चल रहा है। यहां दो फीमेल टीचर्स रखी गई हैं जो बच्चों को खाने-पीने और रहने का तरीका तो बता ही रही हैं, इसके साथ ही बच्चों को फर्राटेदार इंग्लिश भी सिखाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहीं। वहीं बच्चों को पढ़ाई के साथ ही पौधे लगाने की भी ट्रेनिंग दी जा रही है जिससे बच्चे हर फील्ड के बारे में जान सकें।

बच्चे को शुरू से बना रहे मजबूत

डायरेक्टर अमरेश चन्द्रा कहते हैं कि बिना पढ़ा-लिखा इंसान गलत रास्ता भी अपना लेता है। वहीं अच्छी पढ़ाई करने वाला कभी ऐसा काम नहीं करता। देश की तरक्की के लिए ये जरूरी है कि हर कोई पढ़ा-लिखा हो तभी विकास संभव है।

अन्य जगहों पर भी खुलेगा स्कूल

डायरेक्टर अमरेश चन्द्रा ने बताया कि कंटेनर स्कूल पूर्वाचल में कई और जगहों पर भी खुलेगा। साथ ही बिहार में भी इसे खोला जाएगा। जहां भी इसकी जरूरत होगी वहां कंटेनर स्कूल खोले जाएंगे।

लंदन से आए चेयरमैन

रविवार को लंदन से प्रोजेक्ट चेयरमैन लॉर्ड कमलेश पटेल अपनी बेटी के साथ पहुंचे। उन्होंने कंटेनर स्कूल में पढ़ रहे बच्चों से मुलाकात की और उनके रहन-सहन को देखा। एक ड्रेस में आए बच्चों को मिड डे मिल खाते हुए देखकर वे बहुत खुश हुए।