- राजभवन को डायनामाइट से उड़ाने की धमकी का मामला

- पुलिस की जांच में कई अहम सुराग मिले, आरोपी की तलाश तेज

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LUCKNOW : राजभवन को डायनामाइट से उड़ाने की धमकी देने के मामले की जांच कर रही पुलिस टीमों को अहम सुराग हाथ लगे हैं। पता चला है कि जिस शख्स ने यह धमकी दी है वह बीते छह साल से अलग-अलग प्रदेशों के राज्यपाल, नेताओं व अधिकारियों को इसी तरह पत्र भेजकर धमकी दे रहा है। बताया जा रहा है कि बीते छह सालों में उसने 200 से अधिक लोगों को यह धमकी दी है। हालांकि, आरोपी इतना शातिर है कि अब तक वह किसी सीसीटीवी कैमरे की रेंज में नहीं आ सका है।

गिरीडीह पुलिस परेशान

सूत्रों के मुताबिक, राजभवन को उड़ाने की धमकी मामले की जांच कर रही पुलिस टीम ने झारखंड के गिरीडीह पुलिस से संपर्क साधकर उन्हें धमकी भरा पत्र भेजा। जवाब में गिरीडीह पुलिस ने बताया कि इस पत्र की हैंडराइटिंग से मिलती-जुलती हैंडराइटिंग के धमकी भरे पत्रों से वह बीते छह साल से हलकान है। गिरीडीह पुलिस की ओर से बताया गया कि जिस शख्स ने यह धमकी दी है वह इससे पहले पश्चिम बंगाल, झारखंड के राज्यपाल के अलावा तमाम प्रदेशों के सीएम, अधिकारियों व लोकल नेताओं को भी इसी तरह की धमकी दी है। गिरीडीह पुलिस को 200 ऐसे धमकी भरे पत्रों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रखी है। खुद एसपी गिरीडीह को कुछ इलाकों में गश्त रोकने या फिर डायनामाइट से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है।

बेहद शातिर है आरोपी

सूत्रों के मुताबिक, गिरीडीह पुलिस ने बताया है कि बीते छह साल में जो धमकियां दी गई हैं, उनमें से अधिकांश पत्र हजारी बाग या गिरीडीह से पोस्ट किये गए हैं। पूर्व में मिली शिकायतों की जांच में झारखंड पुलिस ने तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाली लेकिन, अब तक एक भी सीसीटीवी फुटेज में वह कैद नहीं हो सका है। यानी आरोपी बेहद शातिर है और धमकी भरे पत्र पोस्ट करने के दौरान वह इस बात का पूरा ध्यान रखता है कि वह किसी सीसीटीवी कैमरे की जद में न आए। यही वजह है कि झारखंड पुलिस छह साल और इतनी शिकायतों के बावजूद उसकी शिनाख्त तक कर पाने में नाकाम रही है।

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सनसनी फैलाना है मकसद

गिरीडीह पुलिस ने लखनऊ पुलिस को जो फीडबैक दिया है उसमें बताया गया है कि ऐसी ही धमकी 200 लोगों को दी जा चुकी है। हालांकि, वह कोरी धमकी ही साबित हुई। जिससे यह साफ होता है कि धमकी देने वाला शख्स का मकसद सनसनी फैलाना है। हालांकि, झारखंड पुलिस के इस फीडबैक के बावजूद लखनऊ पुलिस कोई चांस लेने के मूड में नहीं है। राजभवन की सुरक्षा चाकचौबंद करने के साथ ही आरोपी की तलाश में भी सरगर्मी से जुट गई है। बताया जा रहा है कि जल्द ही जांच में जुटाई गई एटीएस हजरतगंज थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर के विवेचक को लेकर गिरीडीह रवाना होगी।