बिना ग्रेस मा‌र्क्स के पास होना जरूरी, एससी व एसटी वर्ग के लिये 55 फीसदी अंक का निर्धारण

25 अप्रैल 2005 के शासनादेश में संशोधन लागू

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ALLAHABAD: डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से जुड़े कॉलेजेस में प्रवेश प्रक्रिया संचालित की जा रही है। प्रदेश भर के कॉलेजेस में न्यू एकेडमिक सेशन 2017-18 के लिये काउंसिलिंग उत्तर प्रदेश स्टेट इंट्रेंस एग्जाम (यूपीएसईई) के तहत करवाई जा रही है। इसी क्रम में यूनिवर्सिटी की केंद्रीय प्रवेश समिति ने अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) छात्रों की प्रवेश नीति एवं प्रवेश अर्हता में संशोधन प्रस्ताव लागू कर दिया है। इस बावत आदेश विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन अबरार अहमद द्वारा यूनिवर्सिटी के कुलसचिव को भेजा गया है। सचिव के आदेश के जरिये 25 अप्रैल 2005 के शासनादेश में संशोधन किया है।

पांच फीसदी सीट पर प्रवेश

लागू किये गये संशोधन प्रस्ताव में कहा गया है कि अप्रवासी भारतीयों, उनके पुत्र एवं पुत्रियों एवं भाई बहनों को राजकीय एवं स्वायतशासी संस्थाओं में पांच फीसदी सीटों पर प्रवेश देने का विचार किया जा सकता है। जिन्होंने देश में स्थित किसी विद्यालय से माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश की इंटरमीडिएट अथवा उसके समतुल्य परीक्षा भौतिकी विज्ञान, रसायन विज्ञान व गणित विषय में बिना ग्रेस मा‌र्क्स के न्यूनतम 60 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण की हो। वहीं एससी व एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिये यह सीमा 55 फीसदी अंकों तक निर्धारित की गई है।

पहले जरूरी था 50 फीसदी अंक

प्रवेश अर्हता में संशोधन से पहले यह नियम लागू था कि पांच फीसदी सीटों पर प्रवेश अप्रवासी भारतीयों के पुत्र-पुत्री एवं भाई- बहन को मिलता था। बावजूद इसके अगर सीट रिक्त रह जाती थी तो अप्रवासी भारतियों के पुत्र-पुत्री एवं भाई-बहनों की सन्तानो को भी प्रवेश देने पर विचार किया जाता था। इसके लिये पहले नियम था कि इंटरमीडिएट एवं समतुल्य परीक्षा में भौतिकी विज्ञान, रसायन विज्ञान एवं गणित विषयों में न्यूनतम अंक की सीमा 50 फीसदी थी। इसके आधार पर अवशेष सीटों के लिये मेरिट तैयार की जाती थी और प्रवेश कार्य सुनिश्चित किये जाने का नियम था।