- डिफेंस एंकलेव में सिनेमा हॉल की जमीन पर एलआईजी बनाने की तैयारी
- कालोनी के लोगों ने कांट्रेक्टर्स को खदेड़ा, कहा नहीं बनने देंगे भवन
Meerut: शहर में सुनियोजित विकास का खम ठोकने वाला एमडीए अब खुद ही अवैध निर्माण को बढ़ावा दे रहा है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि विपरीत लैंड यूज के हो रहा यह निर्माण कहीं और नहीं बल्कि एमडीए की खुद की योजना डिफेंस एंक्लेव में है। यही नहीं जब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो प्राधिकरण ने उनके खिलाफ एफआईआर की तैयारी कर ली।
क्या है मामला
कंकरखेड़ा स्थित पॉश कालोनी डिफेंस एंक्लेव में एमडीए ने 72 ईडबल्यूएस भवन बनाने की तैयारी की है। दरअसल, ये दुर्बल आय वर्ग के मकान कालोनी की उस तीन हजार गज जमीन में प्रस्तावित हैं, जो ले-आउट में सिनेमा हॉल के लिए दर्शाई गई है। ऐसे में विपरीत लैंड यूज पर एमडीए ने 3.30 करोड़ की लागत से ईडबल्यूएस भवन बनाने का कार्य शुरू किया है। जबकि नियमानुसार एंटरटेनमेंट लैंड यूज पर आवासीय भवनों का निर्माण नहीं किया जा सकता है।
लोगों ने खोला मोर्चा
एमडीए की ओर से बुधवार को जब कांट्रेक्टर्स मौके पर मिट्टी का सैंपल लेने पहुंचा तो स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर विरोध कर दिया। लोगों ने ईडबल्यूएस मकानों के निर्माण को अवैध बताते हुए उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत करने की बात कही। स्थानीय निवासी व भाजपा नेता संजय त्यागी ने बताया कि एमडीए द्वारा यह जमीन बस टर्मिनल और मनोरंजन के लिए रखी गई थी। उन्होंने बताया कि यह लैंड यूज कमर्शियल है और कमर्शियल लैंड यूज पर रेजीडेंशियल निर्माण कराना पूरी तरह से अवैध है।
कब्जा नहीं हटवा पाया एमडीए
दरअसल, डिफेंस एंक्लेव एमडीए द्वारा डिफेंस के लोगों के लिए बसाई गई थी। इस कालोनी की ए और बी पॉकेट में 700 प्लाट काटे गए थे। जबकि प्लाटों का प्रस्ताव डिफेंस वेलफेयर सोसायटी ने तैयार किया था। भाजपा नेता ने बताया कि कालोनी के तीन गेट में दो पर अतिक्रमण कर लिया गया है। जबकि कोर्ट से जीतने के बाद भी एमडीए आज तक वहां से अतिक्रमण नहीं हटवा पाया है। ऐसे में आवंटियों का इसका दंश झेलना पड़ रहा है।
एमडीए ने लोगों के साथ फ्रॉड किया है। ले-आउट के विपरीत निर्माण कराना पूर्ण रूप से अवैध है। कालोनी में किसी कीमत पर अवैध काम नहीं होने दिया जाएगा। वेलफेयर सोसायटी ने इस मामले को कोर्ट में ले जाएगी।
संजय त्यागी, भाजपा नेता
कालोनी में काम रुकवाने वाले लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। मानकों के अनुसार ईडबल्यूएस मकान बनाए जा सकते हैं।
शबीह हैदर, एसई एमडीए