सुशासन दिवस मनाने का एलान
नायडू ने कल भी इस मामले पर सरकार की ओर से सफाई दी. लोकसभा में विपक्षी सदस्यों की ओर से यह मामला उठाने के बाद नायडू ने कहा कि सरकार ने वाजपेयी के जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाने का एलान किया है. इस मामले की तुलना गांधी जयंती से करते हुए उन्होंने कहा, इस दिन भी छुट्टी होती है लेकिन बड़ी संख्या में इस दिन लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं. क्या इसका मतलब है कि गांधीजी के प्रति हमारे मन में कोई श्रद्धा नहीं है?

एक परिपत्र का दिया गया हवाला
नायडू ने कहा कि 12 दिसंबर को मानव संसाधन विकास मंत्रलय के संयुक्त सचिव ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों को पत्र भेजकर साफ तौर पर कहा है कि ये आयोजन क्रिसमस से पहले ही कर लिए जाएं, ताकि इसमें कोई व्यवधान नहीं पहुंचे. उन्होंने वर्ष 1987 में नवोदय विद्यालय को जारी एक परिपत्र (सकरुलर) का भी हवाला दिया.

सकरुलर को लेकर घिरी सरकार
उधर, कांग्रेस ने इस सकरुलर के उल्लेख को लेकर भी सरकार को घेरा है. पार्टी ने पूरा सकरुलर पेश करते हुए बताया कि विद्यालयों को सिर्फ अपने स्तर पर छुट्टी घोषित करने से मना किया गया है, मगर नायडू ने इसे इस तरह से पेश किया है, जैसे विद्यालयों में किसी भी पर्व पर छुट्टी से मनाही की गई है. कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह भी कहा कि अगर इस पूरे मामले पर सरकार सच्चाई सामने ला कर तथ्यों को दुरुस्त नहीं करती है तो पार्टी इन मंत्रियों के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस ला सकती है.

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