सीट गंवाने वाले मसूद पहले सांसद

भ्रष्टाचार मामले में कोर्ट द्वारा चार की सजा मिलने के बाद कांग्रेस सांसद रशीद मसूद राज्यसभा के लिए अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं. दोषी सांसदों और विधायकों को सुरक्षा प्रदान करने वाले कानून को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त करने के बाद चार साल जेल की सजा पाए कांग्रेस सांसद रशीद मसूद की राज्यसभा सदस्यता रद कर दी गई है. मसूद पहले सांसद हैं जिन्हें इस तरह अपनी सीट गंवानी पड़ी है. अब चारा घोटाले में दोषी करार लालू यादव की बारी है.

उच्च सदन में खाली पद की घोषणा

मेडिकल सीट घोटाले में सितंबर में विशेष सीबीआइ अदालत ने मसूद को धोखाधड़ी, षड्यंत्र रचने और जालसाजी मामलों में दोषी ठहराया था. राज्यसभा के महासचिव शमशेर शेरिफ ने उन्हें अयोग्य करार देने संबंधी अधिसूचना जारी करते हुए उच्च सदन में खाली पद की घोषणा भी कर दी है. आवश्यक कार्रवाई के लिए अधिसूचना की एक प्रति चुनाव आयोग को भी भेज दी गई है.

सीबीआई ने दी औपचारिक सूचना

सीबीआइ ने पिछले हफ्ते एक औपचारिक सूचना राज्यसभा भेजकर मसूद के अयोग्य होने संबंधी जानकारी दी थी. अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती ने इस बारे में कहा था कि जिस दिन सांसद को कोर्ट ने दोषी ठहराया, उसी तारीख से सांसद को अयोग्य करार देकर खाली जगह भरने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए. विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में 1990-91 तक स्वास्थ्य मंत्री रहे मसूद को देश भर के मेडिकल कॉलेजों में केंद्रीय पूल से त्रिपुरा को आवंटित एमबीबीएस सीटों पर अयोग्य उम्मीदवारों को धोखाधड़ी कर नामित करने का दोषी पाया गया.

दो और नहीं रहेंगे सांसद

रशीद मसूद के बाद चारा घोटाले में दोषी ठहराए गए लालू यादव और जगदीश शर्मा को भी अयोग्य करार देने संबंधी प्रक्रिया लोकसभा में शुरू हो गई है. ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा आठ की उपधारा चार को 10 जुलाई के फैसले में निरस्त कर दिया था. इसके तहत सांसद, विधायक और विधानपार्षद को तब तक के लिए अयोग्य ठहराने से सुरक्षा प्रदान की गई थी, जब तक ऐसे जनप्रतिनिधियों की अपील उच्चतर अदालतों में लंबित हो. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए अध्यादेश भी लाया, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था.

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