मामला अवामी को-ऑपरेटिव बैंक में नोट जमा कराने का

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PATNA : सीबीआइ की तीन सदस्यीय टीम ने मंगलवार को एक्स सीएम राबड़ी देवी के दस सर्कुलर रोड स्थित आवास पर उनसे अवामी को-ऑपरेटिव बैंक में नोटबंदी के समय जमा कराए गए दस लाख रुपये के स्रोत के बारे में करीब 50 मिनट तक पूछताछ की। सीबीआइ सूत्रों के अनुसार सीबीआइ टीम की राबड़ी से पूछताछ के दौरान लालू प्रसाद भी घर में मौजूद थे, लेकिन उनसे किसी तरह की पूछताछ नहीं की गई। राजद के पूर्व विधान पार्षद अनवर अहमद पटना स्थित आवामी को-ऑपरेटिव बैंक चेयरमैन हैं। वे लालू प्रसाद के काफी करीबी बताए जाते हैं।

अनवर समेत तीन पर है आरोप

सीबीआइ ने अवामी को-ऑपरेटिव बैंक के खिलाफ विगत वर्ष 7 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें अनवर अहमद के साथ-साथ उनके तीन अन्य रिश्तेदारों को भी अभियुक्त बनाया गया है। दरअसल, यह मामला आयकर विभाग के माध्यम से सीबीआइ के पास पहुंचा है। अनवर अहमद और उनके तीन अन्य रिश्तेदारों पर आरोप है कि नोटबंदी के दौरान उन्होंने अपने बैंक के माध्यम से करोड़ों रुपये के कालेधन को सफेद बनाने की कोशिश की है।

बैंक में मिले परिजनों के खाते

ज्ञात हो कि सीबीआइ ने 17 अप्रैल, 2017 को अनवर अहमद के स?जीबाग स्थित आवास और फुलवारीशरीफ स्थित अल राबिया एडुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इससे पहले 13 जनवरी, 2017 को आयकर की छापेमारी में अवामी को-ऑपरेटिव बैंक में राबड़ी देवी के साथ उनके अन्य परिजनों के खाते भी मिले थे। राबड़ी देवी के बैंक खाते में दस लाख रुपये के प्रतिबंधित नोट जमा कराने की बात सामने आई थी। उल्लेखनीय है कि अनवर अहमद अपनी अल राबिया एडुकेशन एंह वेलफेयर ट्रस्ट के माध्यम से मदर्स इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट और मदर्स इंटरनेशनल एकेडमी जैसे संस्थानों का संचालन करते हैं। एक्स सीएम राबड़ी देवी से पूछताछ के दौरान मामले से जुड़े कई तरह के सवाल पूछे गए।