- अपने सहयोगियों का भार भी ढो रहे एग्जामिनर्स

BAREILLY: यूपी बोर्ड कॉपियों का मूल्यांकन कर रहे टीचर्स के कंधों पर धीरे-धीरे कॉपियों का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। मंडे को इंटर के अलग-अलग सब्जेक्ट्स के लिए ब्भ् की जगह भ्0 से 80 कॉपियां तक टीचर्स को प्रोवाइड करा दिया गया। हद तो तब हो गई जब एक-एक टीचर्स को क्00 से भी अधिक कॉपियां अलॉट कर दिया गया। मूल्यांकन में इस लापरवाही का खामियाजा स्टूडेंट्स को ही भुगतना पड़ेगा।

एक एग्जामिनर के कंधों एक सेंटर का भार

जीआईसी में एक महिला टीचर्स को मंडे को एक एग्जामिनेशन सेंटर की सारी कॉपियां ही मूल्यांकन के लिए सौंप दिया गया। इंटर अर्थशास्त्र की क्ब्ब् कॉपियां जांच रहीं इस टीचर्स के अनुसार उनके सहयोगी टीचर्स की गैर मौजूदगी में उन्हें यह जिम्मेदारी दे दी गई। निर्धारित पांच घंटों में इतनी बड़ी संख्या में कॉपियों का मूल्यांकन करना उन्होंने असंभव लगा। इसी सेंटर पर होम साइंस के लिए नियुक्त क्ख् टीचर्स को चेकिंग के लिए 9क्क् कॉपियां दे दी गई।

ब्भ् का रेशियो पहुंचा क्00 के पार

सिटी के जीआईसी और बिशप मंडल इंटर कॉलेज में इंटरमीडिएट हिंदी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र, ड्राइंग, संस्कृत की कॉपियों के बंटवारे में मन-मानेपन की शुरुआत हो चुकी है। दरअसल, ड्यूटी से गैर हाजिर कई टीचर्स का काम मौके पर मौजूद एग्जामिनर्स के कंधों पर ही डाल दिया जा रहा है। देखा जाए तो मानक के अनुसार इंटर में एक एग्जामिनर को ब्भ् से अधिक कॉपियां प्रोवाइड नहीं कराया जाना चाहिए, लेकिन टाइम बर्डन और टीचर्स की कमी की वजह से अलग-अलग विषयों के लिए म्0 से क्00 और इससे भी अधिक कॉपियां एक टीचर्स को जांचने के लिए दे दिया जा रहा है।