RANCHI: सिटी की घनी आबादी वाले इलाके हिंदपीढ़ी में गुरुवार को खूब हंगामा हुआ। कुछ लोगों द्वारा उकसाए जाने और एक अफवाह उड़ा दिए जाने के कारण नाला रोड में सैकड़ों लोग सड़क पर निकल आए। कोरोना वायरस को लेकर जांच करने पहुंची हेल्थ वर्कर्स की टीम को विरोध का सामना करना पड़ा। इसके बाद वहां पहुंचे टीम के सदस्यों को वापस लौटना पड़ा। हंगामे के कारण गुरुवार को एक भी व्यक्ति का डेटा नहीं लिया जा सका और न ही किसी का ब्लड सैंपल लिया जा सका।

ऐसे शुरू हुआ हंगामा

हेल्थ वर्कर्स की टीम दिन के 11 बजे पीपी कंपाउंड में गुरुनानक स्कूल के पास पहुंची। वहीं से घर-घर जाकर कोरोना के लक्षण के बारे में जानकारी एकत्र की जानी थी। पीपी कंपाउंड स्थित घरों में टीम को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई, लेकिन टीम जैसे ही नाला रोड की ओर बढ़ी, वहां पहले से मौजूद कुछ लोगों ने जांच का विरोध शुरू कर दिया। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क पर आ गए। टीम के साथ डीआईजी अमोल वी होमकर भी थे। उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन विरोध जारी रहा।

एनआरसी की अफवाह

दरअसल, कुछ शरारती तत्वों ने अफवाह उड़ा दी थी कि कोरोना की जांच के बहाने एनआरसी का डेटा एकत्र किया जा रहा है। लोगों ने इस अफवाह का विश्वास कर लिया और हेल्थ वर्कर्स की टीम का विरोध करने लगे। काफी देर तक हंगामा होता रहा। 'वापस जाओ-वापस जाओ' के नारे भी लग रहे थे। इस बीच हिंदपीढ़ी में सक्त्रिय समाजसेवियों के साथ अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष मो इबरार और उनकी टीम के सदस्य भी आए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्रशासन का सहयोग करें और हेल्थ वर्कर्स को अपना काम करने दें। इसके बावजूद आम लोगों को भड़काने वाले वहां सक्रिय रहे और हेल्थ वर्कर्स को वापस भेजने पर अड़े रहे। इसके बाद प्रशासन ने सभी को वापस बुला लिया और पीपी कंपाउंड के पास ही हेल्थ टीम कैंप लगाकर काम करती रही।

दो दिन पहले मिला था पॉजीटिव केस

हिंदपीढ़ी के नाला रोड में ही एक घर से मलेशिया की एक महिला को कोरोना टेस्ट पॉजीटिव पाया गया था। वह मलेशिया से जमात में आई थी। यहां लॉक डाउन होने के कारण घर पर ही फंस गई थी। उसके साथ ही अन्य 22 लोगों को तत्काल क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया था। इसके बाद दूसरे दिन 70 से भी ज्यादा लोगों को खेल गांव स्थित क्वारेंटाइन सेंटर भेजा गया था। गुरुवार को कोरोना 'पॉजीटिव एपीसेंटर' से 3 किलोमीटर के रेडियस में सभी को जांच के बाद क्वारेंटाइन करने का प्लान तैयार किया गया था। इसी क्त्रम में 100 हेल्थ वर्कर्स की टीम गुरुवार को हिंदपीढ़ी पहुंची थी।

आज फिर होगी जांच

पुलिस और प्रशासन की टीम ने गुरुवार को कड़ा रुख अख्तियार नहीं किया, बल्कि हालात को समझने की कोशिश करते हुए अपने कदम पीछे हटा लिए। इसके बाद गहन छानबीन हुई, तो पता चला कि कुछ तत्व ऐसे हैं जो अपनी दुकानदारी चलाने के लिए लोगों को भड़का रहे हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वीडियो फूटेज से ऐसे तत्वों की जांच और पहचान की जाएगी, जो बेवजह सरकारी काम में रोड़ा अटका रहे हैं। पहले ऐसे लोगों को क्वारेंटाइन किया जाएगा। शुक्त्रवार को एक बार फिर हिंदपीढ़ी में टीम के सदस्य पहुंचेंगे और लोगों से डेटा लिया जाएगा। साथ ही अधिक से अधिक संख्या में लोगों का टेस्ट भी किया जाएगा।