- चकाचौंध के बीच परफॉरमेंस देने वाले आर्टिस्ट की निगाहें सरकार पर टिकी

>DEHRADUN: कोरोना महामारी की साया हर तरफ पड़ी है। प्रभावित वापस अपने घरों को जाने को मजबूर हैं, लेकिन दून में करीब 200 से अधिक ऐसे ऑर्केस्ट्रा आर्टिस्ट हैं, जिनके सामने परिवार की आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। हमेशा चकाचौंध के बीच अपनी परफॉरमेंस देने वाले ऐसे आर्टिस्ट खुद बता रहे हैं कि वे मदद के तौर पर राशन मांगने तक की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। फिलहाल, ऐसे सैकड़ों आर्टिस्ट अब सीएम से मिलने की जुगत में हैं और दो दिन बाद उनके मिलने का वक्त मुकर्रर किया गया है।

::यहां देते हैं परफॉरमेंस::

- शादी-ब्याह।

- बर्थडे।

- कॉर्पोरेट प्रोग्राम्स।

- टूरिस्ट सीजन में देहरादून, मसूरी, धनोल्टी।

परफॉरमेंस देना ही आजीविका का सहारा

अक्सर शादी-ब्याह, बर्थडे, पार्टी व टूरिस्ट सीजन के दौरान देहरादून से लेकर मसूरी, धनोल्टी तक तमाम होटल, रेस्टोरेंट, पब, लाउंज में चकाचौंध के बीच शानदार परफॉरमेंस अक्सर आपको नजर आ जाती होंगी, लेकिन मार्च से लेकर अब तक ये सब कुछ बंद है। लॉकडाउन के कारण इनसे जुड़े आर्टिस्ट्स के सामने अब नई मुसीबत खड़ी हो गई है। स्थिति ये है कि रोजाना परफॉरमेंस देकर पैसे कमाने वाले ऐसे आर्टिस्ट अब मकान का किराया, बच्चों की स्कूल की फीस जैसी मूलभूत सुविधाओं की मार झेलने को मजबूर हैं। अकेले देहरादून, मसूरी, धनोल्टी व आसपास के इलाकों की बात की जाए तो ऐसे ऑर्केस्ट्रा आर्टिस्ट्स की संख्या 200 के पार है। ऐसे आर्टिस्ट अब प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

सोशल मीडिया के जरिए मंच िकया तैयार

कोरोना महामारी के कारण लगातार बढ़ रही परेशानियों के बीच इन आर्टिस्ट्स ने गत दिनों सोशल मीडिया के जरिए मंच तैयार कर उत्तराखंड म्यूजिशियंस वेलफेयर सोसाइटी का गठन किया। उनका कहना है कि जहां होटल, रेस्टोरेंट, शादी, पार्टी व कॉर्पोरेट प्रोग्राम्स बंद हैं। उनके सामने परिवार की आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। कहना है कि वे कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन जारी रखने के पक्षधर हैं, लेकिन सरकार को उनकी परेशानियां भी समझनी होंगी। सोसाइटी सरकार से महज मकान के किराए में छूट दिए जाने की मांग कर रही है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दो दिन बाद मुलाकात का समय निर्धारित किया है। सोसाइटी के अध्यक्ष गुरुविंदर सिंह, वाइस प्रेसीडेंट योगेशन शर्मा व सेक्रेटरी डोनॉल्ड जोसेफ के मुताबिक सरकार को उनके बारे में सोचना चाहिए।

पीक सीजन में कमा लेते थे दो-तीन हजार

उत्तराखंड म्यूजिशियंस वेलफेयर सोसाइटी के मीडिया प्रभारी लॉरेंस मैसी कहते हैं कि वे फोक आर्टिस्ट के तौर पर राज्य सरकार में रजिस्टर्ड आर्टिस्ट नहीं हैं। ऑर्केस्ट्रा से जुड़े आर्टिस्ट रोजाना परफॉरमेंस देकर अपनी आजीविका का संचालन करते हैं। पीक टूरिस्ट सीजन में एक आर्टिस्ट 2000-3000 हजार रुपए तक कमा लेता है, लेकिन मार्च से लेकर अब तक पब्लिक गेदरिंग न होने के कारण वे घरों में रहने के मजबूर हैं। कोरोना के कारण अक्टूबर-नवंबर तक प्रोग्राम होने की संभावनाएं कम ही नजर आ रही है।

- ऑर्केस्ट्रा आर्टिस्ट्स की संख्या करीब 200 तक।

- इनमें फिमेल आर्टिस्ट की संख्या 25-30 तक।

- आर्टिस्ट में 16 से 60 वर्ष के आर्टिस्ट शामिल।

- कईयों ने दुबई से लेकर मुंबई तक दी है परफॉरमेंस।

- इनमें कोई भी फोक आर्टिस्ट शामिल नहीं।

- दून में ऐसे परफॉरमेंस की डिमांड ज्यादा आई वर्ष 2010 से।

- अप्रैल से लेकर जून तक रहता है पीक सीजन।

- अधिकतर आर्टिस्ट डिग्रीधारी व रियलिटी शो में भी दे चुके हैं परफॉरमेंस।