- बीआरडी के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट व आरएमआरसी लैब पर बढ़ रहा सैंपल्स का बोझ

- रिपोर्ट में हो रही देर, कोबास मशीन लगने पर एक दिन में जांचे जा सकेंगे एक हजार सैंपल

GORAKHPUR: गोरखपुर में जैसे-जैसे कोरोना केस बढ़ रहे, वैसे-वैसे क्वारंटीन लोगों की रिपोर्ट भी देरी से आने लगी है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्थित माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट व आरएमआरसी लैब पर बढ़ रहे सैंपल्स के बोझ का नतीजा है कि जो रिपोर्ट एक दिन बाद ही आ जाती थी, वह सैंपल भेजे जाने के तीसरे दिन आ रही है। जिम्मेदारों की मानें तो डेली हर जिले से 40 सैंपल्स की जांच होनी ही है। ऐसे में गोरखपुर मंडल के चारों जिले मिलाकर 160 सैंपल हुए। इसके अलावा क्वारंटीन सेंटर्स से आने वाले सैंपल्स का बोझ अलग बढ़ रहा। यही वजह है कि रिपोर्ट आने में देरी हो रही है। जिला अस्पताल से अभी तक कुल 109 सैंपल बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेजे जा चुके हैं, जिनमें 102 की रिपोर्ट निगेटिव आई। जबकि गुरुवार को सात सैंपल बीआरडी भेजे गए।

टीम्स कर रहीं पूल सैंपलिंग

वहीं बढ़ते केसेज को देखते हुए जांच के दायरे को बढ़ाने के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोबास मशीन लगाने की बात की जा रही है। बीआरडी प्रिंसिपल का दावा है कि जून के पहले हफ्ते में मशीन लग जाएगी जिसके बाद यहां डेली एक हजार सैंपल्स की जांच हो सकेगी। वहीं, जिले में पूल सैंपलिंग प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि डॉक्टर्स और लैब टेक्निशियन की तीन अलग-अलग टीमें क्वारंटीन सेंटर्स पर जाकर पूल सैंपलिंग कर रही हैं। मंडलीय कारागार गोरखपुर, सहजनवां और सरस्वती विद्या मंदिर स्थित क्वारंटीन सेंटर्स से 60 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। गुरुवार को बड़हलगंज, उरुवा और जंगल कौडि़या स्थित क्वारंटीन सेंटर्स में भी पूल सैंपलिंग की गई। सीएमओ ने क्वारंटीन सेंटर्स में रह लगे लोगों और उनके परिजनों से अपील की है कि कोरोना वॉरियर्स के साथ अभद्रता न की जाए। ऐसा करने पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों ब्रह्मपुर पीएचसी की मेडिकल टीम से अभद्रता की गई थी। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। सीएमओ ने बताया कि जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ। आईबी विश्वकर्मा की देखरेख में पूल टेस्टिंग का काम तेज किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच सुनिश्चित की जा सके।

कैसे होती है पूल टेस्टिंग

सीएमओ ने बताया कि कोरोना के संभावित रोगियों के कई ग्रुप बनाकर सभी के सैंपल मिक्स कर दिए जाते हैं। जिन ग्रुप्स में रिपोर्ट निगेटिव आती है, उतने लोगों को कोरोना से मुक्त मान लिया जाता है। वहीं जिन की रिपोर्ट पॉजिटिव होती है, वहां इंडिव्यूजुअल सैंपलिंग कर जांच की जाती है। उन्होंने बताया कि गीडा स्थित पूर्वाचल डेंटल कॉलेज और नंदानगर स्थित टीबी अस्पताल में बने क्वारंटीन सेंटर्स में लोगों की वन टू वन सैंपलिंग की जा रही है।

इन जिलों के आ रहे सैंपल

- गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर

हेल्थ डिपार्टमेंट यूं कर रहा अवेयर

- हाथों को साबुन-पानी से बार-बार अच्छी तरह से धुलें।

- सार्वजनिक स्थलों पर दूसरे से दो गज दूर रहें।

- बाहर निकलें तो मास्क जरूर लगाएं।

- नाक, मुंह और आंखों को न छुएं।

- खांसने, छींकने और थूकने के शिष्टाचार को समझें।

- इधर-उधर पड़ी चीजों को अनावश्यक न छुएं।

- ध्यान, योगा और प्राणायाम करें।

- रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार लें।

- बुजुर्ग, छोटे बच्चे व गर्भवती तभी बाहर निकलें जब बहुत जरूरी हो।

वर्जन

ज्यादा से ज्यादा सैंपल्स की जांच हो सके, इसके लिए क्वारंटीन सेंटर्स से सैंपल आ रहे हैं। जो एसिप्टोमैटिक हैं, उन्हें होम क्वारंटीन की सलाह दी जा रही है। जो सिप्टोमैटिक हैं उन्हें ही क्वारंटीन किया जा रहा है।

डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ