JAMSHEDPUR: पूर्वी सिंहभूम जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) और टाटा मोटर्स अस्पताल में किया जाएगा। चाकुलिया में मिले दोनों मरीजों को टीएमएच के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। टीएमएच व टाटा मोटर्स को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है। यहां पर कुल 696 बेड की व्यवस्था की गई है। टीएमएच में 600 व टाटा मोटर्स में 20 बेड। वहीं 76 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट बनाया गया है, जिसमें गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाएगा। वैसे जिले में कोरोना संदिग्ध व मरीजों को लेकर कुल 1099 बेड तैयार रखा गया है। इसमें सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) व अन्य हॉस्पिटल शामिल हैं। सभी प्रखंडों में कोविड केयर सेंटर बनाया गया है।

284 बेड का डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर

जगह बेड

एमजीएम अस्पताल 100

सदर अस्पताल 10

रेलवे कोच 160

यूसिल अस्पताल 14

कहां-कहां कोविड केयर सेंटर

जगह बेड

सीएचसी, डुमरिया 05

सीएचसी, धालभूमगढ़ 05

सीएचसी, पटमदा 10

सीएचसी, जुगसलाई 10

सीएचसी, बहरागोड़ा 10

सीएचसी, घाटशिला 10

सीएचसी, मुसाबनी 10

सीएचसी, चाकुलिया 10

पीएचसी, पोटका 05

भारत सेवाश्रम, सोनारी 20

संत जोसफ अस्पताल, भिलाईपहाड़ी 50

टाटा मोटर्स अस्पताल, नेपाल हाउस 50

सतर्क रहें, नहीं डरें कोरोना से

कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि उससे सतर्क होने की आवश्यकता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के गाइडलाइंस का पालन कर लिया जाए तो यह वायरस पास भी नहीं फटकेगा। भारत में अभी तक देखा गया है कि कोरोना से सिर्फ तीन फीसद लोगों की मौत ही हुई है। ये वैसे लोग थे, जिनकी उम्र 60 से अधिक थी और साथ में किसी क्रोनिक बीमारी से ग्रस्त थे। जैसे मधुमेह, हाइपरटेंशन, हृदय रोग, कैंसर, किडनी, लिवर सहित अन्य बीमारी। कोरोना के 97 फीसद रोगी ठीक हो जाते हैं। चीन का मृत्यु दर भारत से अधिक 3.8 था। वैसे भी भारत युवाओं का देश है।

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