दून हॉस्पिटल के बाद अब कोरोनेशन व गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय पर भी मरीजों का दबाव बढ़ गया है। इन तीनों अस्पतालों में डेंगू के 100 से अधिक मरीज भर्ती हैं। गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में मरीजों के बढ़ने के बाद अब 16 बेड का एक और वार्ड बनाया जा रहा है। इसके लिए अस्पताल के सीएमएस डॉ। बीसी रमोला ने अतिरिक्त स्टाफ तैनात किए जाने की मांग की है। उन्होंने सीएमओ डॉ। एसके गुप्ता को पत्र लिखकर मांग की है कि डेंगू व अन्य संक्रामक बीमारियों के कारण अस्पताल में मरीजों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। डेंगू के मरीजों को भर्ती करने के लिए भी एक और अलग वार्ड बनाया जाना है। लेकिन वर्तमान में स्टाफ की कमीं है। मरीजों के बढ़ते दबाव को देखते हुए इन 12 से 14 कक्ष सेवक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तैनाती की मांग की है।

3 टेक्नीशियन 350 सैंपल

गांधी अस्पताल में एलाइजा जांच शुरू होने से अब टेक्नीशियंस पर अतिरिक्त भार पड़ गया है। वे अब तक वायरल व मौसमी बीमारियों के चलते रोजाना 200 से 250 सैंपलों की जांच कर रहे थे.अब एलाइजा जांच शुरू होने से उन्हें 350 सैंपलों तक जांच करनी पड़ रही है। मरीज को रिपोर्ट मिलने भी देरी हो रही है। डॉ। रमोला का कहना है कि वर्तमान में अस्पताल में 3 टेक्नीशियन है। एक टेक्नीशियन आईसीटीसी से लिया गया है। एक महिला कर्मी के बीमार होने से दिक्कत हो रही है।

रायपुर अस्पताल में भी लगेगी एलाइजा रीडर

डेंगू की एलाइजा जांच के लिए रायपुर अस्पताल में मशीन लगाई जाएगी। नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि इसके लिए निगम साढ़े तीन लाख रुपए स्वास्थ्य महकमे को देगा।