नई दिल्ली (एजेंसियां)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कांफ्रेस की। इस दाैरान उन्होंने कहा कि देशे में बड़ी संख्या में कोरोना वायरस महामारी के संकट से बचाने में जुटे स्वास्थ्यकर्मियाें को सलाम कर रहे हैं। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो उन पर हमला भी कर रहे हैं। हाल में देश के अलग-अगल हिस्सों से कई घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में कोरोना के खिलाफ जंग के उतरे स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ आज कैबिनेट मीटिंग में अध्यादेश लागू करने का फैसला हुआ है। इसके तहत आरोग्यकर्मियों पर हमला करने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी और साथ ही जुर्माना वसूला जाएगा।

50 हजार से 2 लाख तक जुर्माना भी भरना होगा

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस अध्यादेश के तहत डाॅक्टरों और आरोग्यकर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी। इसके अलावा इसमें 3 महीने से 7 साल तक कि सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं 50 हजार से 2 लाख तक जुर्माना भी होगा। इसके अलावा डाॅक्टरों या आराेग्यकर्मियों को 50 लाख का बीमा कवर भी दिया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया हमला करने वालों के खिलाफ 30 दिन में जांच होगी। इसके अलावा वाहन या सामान को क्षति पहुंचाने पर बाजार भाव से दोगुनी कीमत हमलावरों से वसूली जाएगी। उन्होंने कहा 123 साल पुराने एपेडिमिक डिसीज एक्ट, 1897 में संशोधन के लिए यह अध्यादेश लाया गया है।

डाॅक्टरों की हड़ताल खत्म करते ही अध्यादेश लागू

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इसके बाद एसोसिएशन ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर मेडिकल प्रोफेशनल्स पर हो रहे हमलों के खिलाफ अपने देशव्यापी विरोध को वापस ले लिया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक के बाद, शाह ने कहा कि कार्य स्थल पर डॉक्टरों की सुरक्षा और गरिमा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता हैै। हर समय उनके लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। वहीं डाॅक्टरों की हड़ताल खत्म होने के बाद ही सरकार ने तत्काल प्रभाव से अध्यादेश लागू कर दिया।

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