आगरा (आईएएनएस)। Coronavirus Cases in Agra: शहर के सभी निजी और सार्वजनिक दोनों तरह की हेल्थ सर्विस का नेटवर्क COVID-19 मामलों की खतरनाक ढंग बढ़ती संख्या को काबू करने में विफल रहा है, जिनकी संख्या गुरुवार सुबह 455 हो गई है।आगरा में अब तक 74 लोग स्वस्थ हो अपने घर लौट गए हैं जबकि 13 लोगों की मौत हो गई है।

निशाने पर प्राइवेट अस्पताल

इस बीच नगर के निजी अस्पताल और उनके चिकित्सक मरीजों और प्रशासनिक अधिकारियों के निशाने पर हैं।वहीं इन आरोपों को खारिच करते हुए प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि जिला अधिकारी, उन पर समस्या को बढ़ाने और सिचुएशन को कंट्रोल करके सामान्य स्थिति में लाने में असफल होने का गलत आरोप लगा रहे हैं। उल्टा उन्होंने प्रशासन को दोषी बताते हुए कहा हे कि वे इलाज के लिए जरूरी सुविधा के तहत सुरक्षात्मक कानूनी ढांचा देने में विफल रहे हैं। जिला प्रशासन ने चिकित्सा परामर्श के लिए हेल्पलाइन नंबर और 25 ऐसे निजी अस्पतालों की सूची जारी की है, जहां गैर COVID-19 मरीज इलाज करा सकते हैं।

रोगी हैं परेशान

इस बारे में रोगियों का कहना है कि डॉक्टर COVID टेस्ट के बिना उन्हें भर्ती या इलाज करने से मना कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में इस आरोप प्रत्यारोप के खेल में कई कीमती जानें चली गई हैं। सीनियर सर्जन श्वेतांक प्रकाश का कहना है कि निजी डॉक्टरों और नर्सिंग होम की भूमिका को लेकर स्पष्ट नीति और निर्देश की कमी है, जिसके चलते कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने ऑफीशियल्स के बनाए नियमों में कमी बताते हुए कहा कि कोई भी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो अस्पताल सील कर दिया जाएगा, और उसे कोरोना स्प्रेडर करार दिया जाएगा, ये सही नहीं है। उन्होंने कहा कई वायरस से इफेक्टेड लोग कोरोना संक्रमण के बारे में नहीं जानते हैं, डॉक्टर भी अंधेरे में रहते हैं, जिससे वायरस फैलता रहता है।

क्वॉरंटीन भी समस्या

डॉक्टरों ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या तो लोगों को क्वॉरंटीन करने में है, ज्यादातर लोग कन्ज्यूमर प्रोटेकशन एक्ट के तहत छूट चाहते हैं , क्योंकि कोरोना मैनेजमेंट के लिए कोई यूनिवर्सली एक्सेप्टेड गाइड लाइन नहीं बनी है। अब खतरा यह है कि बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कार्यकर्ता वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। यहां तक ​​कि ड्यूटी पर रहने वाले पुलिस भी संक्रमित हैं। 80 से अधिक पुलिस वाले क्वॉरंटीन में हैं। नोडल अधिकारी का कहना है कि इस समय मेडिकल इंफेकशन सबसे बड़ी चिंता है। 30 ऑड हॉटस्पॉट में क्वॉरंटीन सेंटर जरूरी सुविधाओं से लैस नहीं हैं। पीने के पानी, भोजन, स्वच्छ शौचालयों की कमी की शिकायतों से जुड़ी वीडियो क्लिप्स की सोशल मीडिया पर बाढ़ आ गई है।

लॉकडाउन वायलेशन भी है एक दिक्कत

पड़ोसी नगर फिरोजाबाद में, COVID-19 मामलों की संख्या 105 हो गई है, जबकि मथुरा में यह संख्या 13 तक बढ़ गई है। इस बीच मिड नाइट से आगरा जिले की सीमायें वाहनों की आवाजाही को रोकने के लिए सील कर दी गई हैं। पुलिस के अनुसार, एक बड़ी समस्या, लॉकडाउन वायलेशन भी बनी हुई है, इसके चलते 471 को गिरफ्तार किया गया है और 1344 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने 25,539 वाहनों का चालान किया है और 1065 को जब्त किया है, फिर भी, कई क्षेत्रों में लोग प्रतिबंधों को तोड़ते रहते हैं।

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